पिण्ड से लेकर ब्रह्माण्ड तक की यह सम्पूर्ण सृष्टि पंचतत्वों से निर्मित है और पंचतत्वों की ही यह माया है जो सर्वत्र भासित है। बात प्रकृति की हो या प्राणी की, हर किसी का निर्माण पंचतत्वों से ही हुआ है। इन तत्वों के बने रहने, पुनर्भरण होते रहने तक ताजगी, ऊर्जा और जीवनीशक्ति बनी रहती […]