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विकास के कोलाहल में

अरविंद कुमार जैन गैर-कृषि क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराए बिना खेती की जमीन अधिग्रहीत करना दरअसल दोहरा अन्याय है। खेती में लगे लोगों के पास कृषि कार्य के अलावा कोई कौशल नहीं है। कृषियोग्य जमीन के साथ उनका कौशल भी चला जाता है और तथाकथित वैश्वीकृत आधुनिक सेवा क्षेत्र में उनके पास एक भी बेचने […]

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महानाश का कोलाहल

जब लड़ेंगे वादी प्रतिवादी क्या पड़ोसी का रक्षण होगा?है कौन धरा पर जीव यहां, जो महानाश में अक्षुण्ण होगा? है कौन चिकित्सक ऐसा यहां, जो उस क्षण में सक्षम होगा?रे बोल परमाणु निर्माता, तेरी गद्दी का क्या होगा? जब मानव ही मिट जाएगा, तो ऐसी जीत का क्या होगा?क्या कभी ठंडे दिल से, यह विचार […]

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