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प्रमुख समाचार/संपादकीय

मच गया कोहराम पूरे काबुल में

पिछले 40 साल में सत्ता का हस्तांतरण काबुल में कभी लोकतांत्रिक ढंग से नहीं हुआ। कभी खूनी तख्ता-पलट, कभी विदेशी हस्तक्षेप, कभी आंतरिक विद्रोह, कभी अराजकता- यही अफगान राजनीति का नजारा रहा है लेकिन इस बार ऐसा लग रहा था कि वहां भारत की तरह शांतिपूर्ण चुनाव होंगे और सत्ता का व्यवस्थित परिवर्तन होगा। हामिद […]

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