अभी अभी हम ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका) की आर्थिक मोर्चेबंदी की सुर्खियों को पढ़ पढक़र मगन हो रहे थे और भारत चीन के संबंधों की नई-नई संभावनाएं तलाश रहे थे। लेकिन ब्रिक्स की प्रगति पर चीन ने जल्दी ही ब्रेक्स लगा दिये हैं। चीन ने भारत की आर्थिक मोर्चे पर हो […]
महीना: अप्रैल 2012
इतिहास साक्षी है कि न्यायधर्म व मानवता को छोडकर विद्वेषपूर्ण शत्रुता की भावना से बनाई गयी कुटनीति कुछ काल के पश्चात चलाने वालों की भी मौत का कारण बनती है। दूसरों का धन, मान, जीवन, चरित्र तथा संस्थाओं के हत्यारे एक दिन एक दूसरे के ही सुख शांति तथा संपदा के हत्यारे बन जाते हैं। […]
गुलाब के फूल के संग कांटे हैं। सोना आग में तपकर निखरता है। अंधेरी रात के साथ सुबह का उजाला जुडा है। काली कोयल की मधुर आवाज है। खारी समुद्र रत्नों का भंडार है। कडुवा नीम का वृक्ष औषधि युक्त है। पांच तत्वों का बना यह जड शरीर आत्मा से जुड कर चैतन्य जीव होकर […]
दादाजी की महिमा न्यारी हैअज्ञानता को दूर करकेज्ञान की ज्योति जलाई है।दादाजी की महिमा न्यारी है… दादाजी के चरणों में रहकरहमने शिक्षा पाई है।गलत राह पर भटके जब हमतो दादाजी ने राह दिखाई है।दादाजी की महिमा न्यारी है… माता-पिता ने जन्म दिया परदादाजी ने जीना सिखाया है।ज्ञान, चरित्र और संस्कार कीहमने शिक्षा पाई है।दादाजी की […]
भारत की सेना का इतिहास अत्यंत गौरवपूर्ण है। इसके गौरव का, गरिमा का और गर्व का, इतिहास युगों पुराना है। लाखों वर्ष पूर्व मान्धाता जैसे महान चक्रवर्ती सम्राट के काल में भी सेना का अस्तित्व था। भगवान राम और भगवान कृष्ण के काल में भी सेना का अस्तित्व था। इस सेना का प्रमुख कार्य कूटनीति […]