कोरोना महामारी का संकट, अपने दूसरे दौर में, एक बार पुनः देश के सामने पहले से भी अधिक गम्भीर चुनौती बनकर आ खड़ा हुआ है। इस बार संक्रमण की रफ्तार कहीं तेज है। प्रतिदिन संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या जहां प्रथम दौर में लगभग 97,000 की अधिकतम संख्या तक पहुंची थी, वहीं इस बार […]
लेखक: प्रहलाद सबनानी
लेखक भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवर्त उप-महाप्रबंधक हैं।
प्रह्लाद सबनानी विद्युत वाहनों के उपयोग के यदि फ़ायदे हैं तो इसकी कुछ सीमाएं भी हैं, यथा अभी देश में पर्याप्त मात्रा में चार्जिंग प्वॉइंट उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि इनका निर्माण बड़ी तेजी के साथ किया जा रहा है, परंतु पूरी संरचना को खड़ा करने में अभी समय लगेगा। यह कई अध्ययनों के माध्यम […]
प्रह्लाद सबनानी यह कई अध्यनों के माध्यम से अब सिद्ध हो चुका है कि भारत में कार्बन उत्सर्जन के कुछ मुख्य कारणों में पेट्रोल एवं डीज़ल वाहनों द्वारा छोड़ी जा रही गैस भी शामिल है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तो सर्दियों के मौसम के दौरान वातावरण में इतना कोहरा भर जाता है कि लगभग 10 मीटर […]
किसी भी देश की आर्थिक नीतियों की सफलता का पैमाना, वहां के समस्त नागरिकों में प्रसन्नता विकसित करना होना चाहिए। कोई भी व्यक्ति सामान्यतः प्रसन्नता तभी प्राप्त कर सकता है जब एक तो जो भी कार्य वह कर रहा है उसमें उसको आनंद की अनुभूति हो रही हो एवं दूसरे उसके द्वारा किए जा रहे […]
केंद्र सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2024-25 तक 5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के आकार का बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को निर्धारित समय सीमा में प्राप्त करने के लिए, भारत में आर्थिक विकास की दर को 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष के ऊपर ले जाने की आवश्यकता होगी एवं आर्थिक विकास […]
एक अनुमान के अनुसार, भारत में यात्रा एवं पर्यटन उद्योग 8 करोड़ व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोज़गार प्रदान कर रहा है एवं देश के कुल रोज़गार में पर्यटन उद्योग की 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। भारत में प्राचीन समय से धार्मिक स्थलों की यात्रा, पर्यटन उद्योग में, एक विशेष स्थान रखती है। […]
प्रह्लाद सबनानी भारत में धार्मिक स्थलों को विकसित किए जाने से तेज गति से आगे बढ़ रहा है पर्यटन उद्योग अब माता वैष्णो देवी मंदिर पर पहुंच मार्ग को भी आसान बना दिया गया है। अब जम्मू-उधमपुर-कटरा रेलवे लाइन भी प्रारम्भ कर दी गई है। इस लाइन को बनाने में 1132.75 करोड़ रुपए ख़र्च हुआ […]
मुद्रा स्फीति का तेज़ी से बढ़ना, समाज के हर वर्ग, विशेष रूप से समाज के ग़रीब एवं निचले तबके तथा मध्यम वर्ग के लोगों को आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक विपरीत रूप में प्रभावित करता है। क्योंकि, इस वर्ग की आय, जो कि एक निश्चित सीमा में ही रहती है, का एक बहुत बड़ा भाग उनके […]
“मन चंगा तो कठौती में गंगा”, ये कहावत आपने जरूर सुनी होगी। क्या आप जानते हैं ये कहां से आई, इसके पीछे एक दिलचस्प घटना है, जिसका संबंध मिलजुल कर रहने, भेदभाव मिटाने और सबके भले की सीख देने वाले सामाजिक समरसता के महान संत शिरोमणी श्री रविदास जी महाराज से है। प्रति वर्ष माघ […]
भारत के नियंत्रक और लेखा महानिरीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी योजनाएं प्रतिदिन प्रति व्यक्ति चार बालटी स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के निर्धारित लक्ष्य का आधा भी आपूर्ति करने में सफल नहीं हो पायी हैं। आज़ादी के 70 वर्षों के पश्चात, देश की आबादी के एक बड़े भाग के घरों में पीने के लिए स्वच्छ […]