झारखंड सरकार को इस दिशा में लेना ही चाहिए लोक हितकारी निर्णय – – – –

देश इस समय कोरोनावायरस से जूझ रहा है । लोगों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । यदि बात झारखंड की करें तो यहां पर भी कई प्रकार की समस्याओं को लोग झेल रहे हैं । उनमें से एक समस्या यह भी है कि 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को कोरोना संकट के चलते हुए ( जबकि उसका बाहर निकलना उसके अपने जीवन के लिए खतरनाक है ) भी घर से बाहर निकल कर रजिस्ट्री करनी पड़ रही है ।

ज्ञात रहे कि प्रत्येक वर्ष अगस्त माह से जमीन जायदाद की दर का पुनरीक्षण किया जाता है। ऐसी स्थिति में दर बढ़ जाने की संभावनाओं के बीच जमीन के खरीददार लोग विक्रेता पर 31 जुलाई के पहले निबन्धन करने का दवाब बना रहे हैं।
वो अपनी जगह बिल्कुल सही हैं किन्तु दूसरी ओर सरकार ने साठ वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा रखी है। अब यदि विक्रेता साठ वर्ष से ऊपर का है तो उसे मजबूरीवश अपने जीवन को जोखिम में डालकर एवं सरकारी आदेश की अवहेलना कर रजिस्ट्री कार्यालय में जाना ही पड़ रहा है। इस सच्चाई को रजिस्ट्री आफिस के आंकड़ों से भी समझा जा सकता है।
दूसरी ओर विगत पाँच वर्षों में जमीन जायदाद की कीमत में कोई वास्तविक मूल्यवृद्धि नहीं हुई है।
इन सब सच्चाईयों पर गौर करते हुये सरकार को तुरंत निर्देश जारी करना चाहिए एवं यदि अगस्त माह से जमीन जायदाद की दर को पुनरीक्षण स्थगित नहीं करती है तो साठ वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को भी नियमतः छूट प्रदान की जानी चाहिए ताकि वो जीवन का जोखिम लेकर भी रजिस्ट्री कर सके एवं क्रेता को संतुष्टि मिल सके।
सरकार को इस कोरोना काल में लोकहितकारी निर्णय लेकर मूल्यवृद्धि को स्थगित रखना चाहिए एवं स्पष्ट निर्देश तुरंत जारी कर ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जिससे कि क्रेता विक्रेता दोनों को लाभ मिल सके और किसी भी प्रकार की हानि से दोनों बच सकें। 60 वर्ष से ऊपर के प्रत्येक व्यक्ति को सरकार के द्वारा ऐसा करने से निश्चय ही राहत मिलेगी। झारखंड सरकार से हम अपेक्षा करते हैं कि लोक हित से जुड़े इस प्रकार के निर्णय को लेकर निश्चय ही लोगों को राहत प्रदान करेगी।राजेंद्र कुमार अग्रवाल
जमशेदपुर

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