मोदी के 10 वर्ष के शासन की उपलब्धियां प्रभावित कर सकती हैं 17वीं लोकसभा के चुनाव परिणामों को

गाजियाबाद ।( ब्यूरो डेस्क ) प्रधानमंत्री श्री मोदी अपने दो कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं। 10 वर्ष के अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जो कुछ किया है उस पर निश्चय ही देश के इतिहास को गौरव की अनुभूति होगी। उन्होंने देश को प्रत्येक क्षेत्र में स्वाभिमान से भरने में किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी है। देश उनके नेतृत्व में सुख, शांति और समृद्धि को प्राप्त हो रहा है। किसी भी सक्षम और सफल नेतृत्व की यह पहली योग्यता होती है कि वह देश को सुख समृद्धि और शांति के रास्ते पर आगे बढ़ाए। प्रधानमंत्री श्री मोदी के 10 वर्ष के कार्यकाल पर विचार करते हुए यदि भारत के सकल घरेलू उत्पाद की बात की जाए तो 2014 से पहले कांग्रेसी शासन काल में जितना सकल घरेलू उत्पाद था, उसका लगभग दो गुना हो गया है। इस समय भारत का सकल घरेलू उत्पाद – $3.8 ट्रिलियन है। 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो उससे पहले भारत की विश्व आर्थिक रैंक 10वीं थी। अब भारत की विश्व आर्थिक रैंक 5 वीं है। आर्थिक क्षेत्र में ही विश्लेषण करने पर पता चलता है कि भारत की प्रति व्यक्ति आय इस समय – ₹115000 है, जो कि अब से 10 वर्ष पहले की अपेक्षा दोगुनी है। भारत की इस प्रकार की प्रगति को देखकर अनेक देशों को मिर्ची लगती रहती है।
भारत का निर्यात इस समय $750 बिलियन है। जिसमें 400% की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में मेट्रो शहरों में भी 400% की वृद्धि हुई है। ग्राम शक्ति भी 40% से 95% हो गई है। 10 वर्ष पूर्व भारतवर्ष में एक्सप्रेसवे की लंबाई 98000 किलोमीटर के लगभग थी। प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में नेशनल हाईवे की लंबाई बढ़कर लगभग डेढ़ लाख किलोमीटर हो गई है। आप अनुमान लगाइए कि 65 वर्ष में हम 98000 किलोमीटर चले और 10 वर्ष में हम 50000 किलोमीटर से अधिक चल गये। इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्गों में भी दोगुनी वृद्धि हो गई है। रेलवे की लंबाई 55198 किलोमीटर बधाई जाकर पहले की अपेक्षा लगभग दोगुनी कर दी गई है।
सड़क गुणवत्ता सूचकांक – 88 से 42 पर आ गया है।
इसी प्रकार दूसरे क्षेत्रों में देखने पर पता चलता है कि नवीकरणीय ऊर्जा – 95.7 मेगावॉट – 400% की वृद्धि की गई है।1GB डेटा की कीमत – ₹200 से ₹15,इंटरनेट कॉन – 771.3 मिलियन – 1200% की वृद्धि, डिजिटल लेनदेन- 4% से 76.1%,आईआईटी – 16 से 23, आईआईएम – 13 से 25
खादी की बिक्री – 6.69 लाख करोड़ – तीन गुना, मेट्रो – 860 किलोमीटर – 400% की वृद्धि, विदेशी मुद्रा भंडार – $594 बिलियन – दोगुना, रेलवे विद्युतीकरण – 37K आरकेएम – 700% की वृद्धि, एमबीबीएस सीटें – 100163 – दोगुनी
पीजी सीटें – 65335 – तीन गुना, एम्स – 7 से 23, मेडिकल कॉलेज – 660 – दोगुना, हवाई अड्डे – 148 – दोगुने, एफडीआई प्रवाह – $596 बिलियन – दोगुना, बैंक खाते – 35% से 98%, हाई स्पीड रेल – 0से 9,नई रेल लॉन्च का समय – 2 महीने – 800% सुधार, स्वच्छता – 39% से 85%, ग्रामीण सड़कों का निर्माण – 130 किमी/दिन – दोगुना, विश्वविद्यालय – 723 से 1100, मोबाइल विनिर्माण – 5 करोड़ से 31 करोड़ – भारत अब विश्व नेता, गैस कनेक्शन – 55% से 90%, कॉमन सर्विस सेंटर – 300000 – 400% की वृद्धि, ऑप्टिकल फाइबर – 0.2% से 50%, आईटी रिटर्न – 7 करोड़ – दोगुना, बिजनेस करने में आसानी रैंक – 142 से 70, इनोवेशन इंडेक्स – 72 से 57, ई-गवर्नमेंट इंडेक्स – 118 से 96, पर्यटन सूचकांक – 65 से 40,
जलवायु परिवर्तन सूचकांक – 30 में से 14, ई-भागीदारी सूचकांक – 40 में से 15, रक्षा निर्यात – 1K करोड़ से 16K करोड़
ओआरओपी लागू किया, सीमा अवसंरचना- 2000% की वृद्धि,
राफेल फाइटर जेट – 36,अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर – 22,चिनूक अटैक चॉपर – 15, एस – 400 वायु रक्षा प्रणाली – 5 वर्ग, इन्फ्रा खर्च – ₹33.3 लाख करोड़ – 33 गुना वृद्धि,. सृजित संपत्ति – ₹ 187 लाख करोड़ – 14 गुना वृद्धि, बैंक एनपीए – इसे 11% से घटाकर 1% किया गया, आयुष्मान भारत – 30 करोड़ की दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य देखभाल योजना, मोबाइल विनिर्माण संयंत्र – 200 – गुना वृद्धि, तीन तलाक पर रोक, जीएसटी लागू करना , ग्रामोद्योग बिक्री – 128000 करोड़ – 4 गुना वृद्धि ,सेमी हाई स्पीड ट्रेनें वंदे भारत – 0 से 50, इसरो बजट – 12600 करोड़ – दोगुना, बाघों की संख्या – 2236 से 2976,
गरीबों और जनता के लिए 12 करोड़ शौचालय बनाए, बीपीएल के लिए 3.5 करोड़ पक्के मकान बनाए, स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 74.30 गीगावॉट, 30 गुना वृद्धि, स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता – 42633 मेगावाट – दोगुनी, कश्मीर से धारा 370 हटाकर उसका भारत में पूर्ण विलय, पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को समाप्त करने के लिए CAA लागू करना, जीएसटी लागू करना, भव्य राम मंदिर का निर्माण,
नकदी प्रचलन को समाप्त करने के लिए विमुद्रीकरण,अटल सेतु-भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल,,सुदर्शन सेतु-भारत का सबसे लंबा केबल ब्रिज,चिनाब ब्रिज-दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज, अटल सुरंग-विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग इत्यादि।
इन सारे आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने दिन रात एक करके अपनी पूरी टीम के साथ मिलकर देश की अप्रतिम सेवा की है। देश के प्रति समर्पण और समर्पण के अतिरिक्त अन्य कुछ नहीं, यह मोदी की पहचान है। उन्होंने चुन चुनकर उन समस्याओं से चुनौती स्वीकार की है जो दशकों से देश के लिए दंश करने का काम कर रही थीं। माना जा सकता है कि इन सारी उपलब्धियों में भारत के अनेक विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, अधिकारियों और समाजसेवी लोगों का सहयोग है, पर यह सब तो 2014 से पहले भी थे, आज अचानक उनके भीतर ऊर्जा का संचार यदि हुआ है तो उसका कारण केवल एक है कि इस समय ऊर्जावन्त नेतृत्व देश के पास है।
जब देश केवल सत्ता सुख भोगने वाले लोगों के हाथों में होता है तो उसकी विकास की गति प्रभावित होती है। भ्रष्टाचारियों के हाथों में होने से देश में अराजकता फैलती है। लूटमार, हत्या, डकैती और बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि होती है। जब कमजोर नेता राजसिंहासन को बोझ मारते हैं तो देश अपयश को प्राप्त होता है। ऊर्जाहीन नेता देश की आभा और अस्मिता के लिए कलंक साबित होते हैं। तेजहीन और अयोग्य नेता राष्ट्र के पौरुष के लिए अभिशाप बन जाते हैं। क्योंकि ऐसे लोग केवल जेब भरने के लिए काम करते हैं। अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए हम उत्तर प्रदेश का उदाहरण ले सकते हैं। जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने से पूर्व एक बीमार राज्य की स्थिति में देखा जाता था। पर आज वही उत्तर प्रदेश विकास के नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसका कारण केवल एक है – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सक्षम नेतृत्व। अब उत्तर प्रदेश में दंगे नहीं होते। दंगा मुक्त प्रदेश योगी आदित्यनाथ की बड़ी उपलब्धि है। यह तभी संभव हुआ है जब योगी आदित्यनाथ का डंडा दंड के रूप में कड़ाई से पूरे प्रदेश में घूमता रहता है। योगी आदित्यनाथ चाहे लखनऊ में हों, चाहे गोरखपुर या प्रदेश के किसी भी जिले में हों, पर पूरे प्रदेश में बदमाशों को ही यह लगता रहता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का डंडा कभी भी पड़ सकता है। बदमाशों को ऐसा लगते रहना ही शासक की सफलता का एक प्रमाण होता है। अब यहां पर विकास की नई-नई योजनाएं बनती हैं। जिन्हें जमीन पर उतारने के लिए भी बहुत ही सार्थक प्रयास किए जाते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने से पहले उत्तर प्रदेश के पास जितने पर्यटक स्थल थे, उनमें भी अब महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। नए पर्यटक स्थलों में सबसे महत्वपूर्ण नाम अयोध्या का है। अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक पर्यटक स्थल के रूप में मान्यता मिली है। जिससे आने वाले पर्यटकों के माध्यम से प्रदेश के खजाने में वृद्धि होगी। यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या करोड़ों में पहुंचने की संभावना है। जेवर एयरपोर्ट भी अपने गौरवशाली शुभारंभ के लिए प्रतीक्षारत है। जहां से लगभग सवा करोड़ लोग प्रत्येक वर्ष यात्रा का आनंद ले सकेंगे। इससे दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की भीड़ भी कम हो सकेगी।
इन सब उपलब्धियों में निरंतरता बनाए रखने के लिए देश के मतदाताओं को भी जागरूक होकर अपने कर्तव्य का निर्वाह करना चाहिए अर्थात मजबूती से अपने उस नेतृत्व के साथ खड़ा होना चाहिए जो पूर्ण समर्पित होकर तन मन धन से देश की सेवा के लिए काम कर रहा हो। सचमुच प्रत्येक मतदाता का मत बहुत महत्व रखता है। इसलिए अपने मत का प्रयोग सोच समझ कर करना चाहिए। हमारा मानना है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के 10 वर्ष के शासनकाल की उपलब्धियां 17वीं लोकसभा के चुनाव परिणामों को अवश्य ही प्रभावित करेंगी।

डॉ राकेश कुमार आर्य

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