मोदी के भारत की अर्थव्यवस्था और उसकी चुनौतियां

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर कई ऐसी सकारात्मक रिपोर्ट आई हैं जिनसे पता चलता है कि आने वाले दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्था में होगी। विदेशी मीडिया मोदी सरकार की उपलब्धियों पर बहुत कम प्रकाश डालता है । इसके पीछे कारण केवल एक है कि मोदी सरकार को वैश्विक मंचों पर बदनाम कर किसी प्रकार से मोदी को सत्ता से बाहर किया जाए। इसमें देश के भीतर के ‘जयचंद’ अपनी विशेष भूमिका निभा रहे हैं। जबकि बाहर बैठे शत्रु अपने ‘बिगड़े हुए खेलों’ को ठीक करने के लिए ऐसा दुष्प्रचार करवाते रहते हैं।
जो लोग भारत के जनसंख्या के आंकड़ों को गड़बड़ाकर यहां पर विदेशी मिशनरियों के माध्यम से अव्यवस्था फैला रहे थे, मोदी के सत्ता में आने के बाद से उनका खेल बिगड़ गया है। इसी प्रकार कुछ लोग धर्मांतरण के माध्यम से भी देश के बहुसंख्यक समाज का अहित कर देश के आर्थिक संसाधनों पर अपना अधिकार करते जा रहे थे। मोदी जी के आने के बाद उनका भी खेल बिगड़ गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति पर कुछ सोचने से पहले हमें देश के इन जयचंदों और शत्रुओं के बारे में भी विचार कर लेना चाहिए।
अमेरिकी निवेश फॉर्म कैपिटल ग्रुप अब इस समय कह रहा है कि ‘क्या भारत इस दशक का उभरता हुआ बाजार होगा ?’ समझिए कि यह टिप्पणी कितनी कष्ट भरी मानसिकता में व्यक्त की गई होगी ? जब पश्चिमी देश अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित किये रखने के लिए एडी चोटी का जोर लगाते रहे हों , तब उनकी यह कूटनीतिक टिप्पणी भारत को आगे बढ़ने से रोकने के लिए की गई है या आगे बढ़ते हुए भारत को प्रोत्साहित करने के लिए की गई है ? इसे समझने की आवश्यकता है। निश्चित रूप से यह भारत की प्रशंसा नहीं है, बल्कि बढ़ते हुए भारत को रोकने के लिए अब कई प्रकार की बिसातें बिछाई जाएंगी। मसलन भारत के विपक्ष को भड़काया जाएगा। यहां दंगे कराए जाएंगे। यहां की सामाजिक विसंगतियों को उभारने का प्रयास किया जाएगा । इसे भारत के कई विपक्षी नेता अपने लिए अनुकूल समझकर विदेशी शक्तियों के हाथों में खेलेंगे। यदि हमारे मस्तिष्क में यह सब बातें हों तो पता चलता है कि आर्थिक क्षेत्र में भारत को छलांग लगाने के लिए कितनी चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है ?
बढ़ते हुए भारत को देखकर मशहूर ब्रोकरेज कंपनी बर्नस्टीन ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई क्षेत्रों में जबरदस्त प्रगति की है।’ राजनीति के क्षेत्र में जब आपका प्रतिद्वंद्वी आपसे आगे निकल रहा हो तो लोग मुस्कुराहट के साथ आपको बाहों में लेकर मारने का प्रयास करते हैं । कई लोग छद्म वेश धारण कर आपकी राह रोकने का प्रयास करते हैं। कई टंगड़ी मारते हैं। मोदी के बढ़ते हुए भारत को यह सब झेलना पड़ रहा है। मोदी को तीसरी बार सत्ता से रोकना विदेशी शक्तियों के लिए प्राथमिक लक्ष्य है। क्योंकि वह भारत को उन लोगों के हाथों में दे देना चाहती हैं जो उन्हें मनमाफिक मुनाफा कमाने के लिए भारत को एक बाजार के रूप में उनके हाथों में सौंप दें। वह उन्हें कमीशनखोरों को सत्ता देना और दिलवाना चाहती हैं जो 2014 से पहले भारत को उनकी मर्जी के अनुसार चला रही थीं। हम सभी जानते हैं कि उस समय भारत को अपनी रक्षा के लिए भी विदेश से कमीशनखोरों के माध्यम से हथियार लेने पड़ते थे। जबकि आज का भारत हथियार निर्यात कर रहा है। 2014 से पहले भारत में 11 किलोमीटर प्रतिदिन हाईवे बनाए जाते थे। जबकि आज का भारत प्रतिदिन 35 – 36 किलोमीटर हाईवे का निर्माण कर रहा है। इस उभरते हुए मोदी के भारत को विदेशी शक्तियां कभी पसंद नहीं करेंगी।
नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2015-16 से लेकर 2019-21 के बीच बहुआयामी गरीबी वाले व्यक्तियों की संख्या 24.85 फ़ीसदी से घटकर 14.96 प्रतिशत रह गई है। कहने का अभिप्राय है कि मोदी सरकार के 5 वर्षों के दौरान 13.5 करोड लोगों को गरीबों की रेखा से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त हुई है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी देश को दुनिया की टॉप तीन अर्थव्यवस्थाओं में सम्मिलित करने का सपना इस समय देश के मतदाताओं को दिखा रहे हैं। इसके लिए वह जीतोड़ मेहनत भी कर रहे हैं। कैपिटल ग्रुप ने भी अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि बीते 10 वर्षों में भारत में राजनीतिक स्थिरता देखी गई है । जिससे आर्थिक विकास को सबसे अधिक बल मिला है और सरकार के एजेंडा में भी इसे सर्वोच्च प्राथमिकता प्राप्त हुई है। इसी कारण आज भारत अन्य उभरते बाजारों की तुलना में अधिक आकर्षक है।
भारत के कुछ भामाशाह प्रवृत्ति के लोग इस समय देश की मुख्यधारा को मजबूत करने के लिए अपने प्रयास कर रहे हैं। उनकी सोच है कि भारत का सनातन स्वरूप जीवित रखने के लिए इस समय राष्ट्रवादी लोगों के हाथ मजबूत करना समय की आवश्यकता है । जो लोग देश का खाकर देश के बाहर देश को गिरवी रखने की बातें करते हैं, देश के सम्मान के साथ खिलवाड़ करते हैं ,आतंकवादियों पर धन लुटाते हैं, देश तोड़ने वाले लोगों को सुविधा प्रदान करते हैं, वे लोग देश की सत्ता से दूर रहने चाहिए।
इस समय देश के लोगों की भी मोदी सरकार से अपेक्षा है कि वह जिस प्रकार हाईवेज के निर्माण पर विशेष ध्यान दे रही है उसी प्रकार देश के सांस्कृतिक स्वरूप की रक्षा के लिए भी कुछ विशेष और ठोस कदम उठाने की दिशा में काम किया जाए। जिन क्षेत्रों में अभी भी शिक्षा की समुचित व्यवस्था नहीं है, वहां पर वैदिक संस्कारों से ओतप्रोत आधुनिक गुरुकुलों की स्थापना की जानी चाहिए। जिससे लोग अपनी संस्कृति और भारत माता के साथ भावनात्मक संबंध स्थापित कर सकें। जिन क्षेत्रों में विदेशी मिशनरियां सक्रिय होकर हमारे लोगों को भेड़ बकरी की तरह उठाकर अपने मजहब में ले रही हैं उन क्षेत्रों में विशेष कार्य करने की आवश्यकता है। भारत को बचाने के लिए भारत की आत्मा के अनुकूल और अनुरूप कार्य करना समय की आवश्यकता है।

डॉ राकेश कुमार आर्य
(लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता हैं।)

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