राम मंदिर निर्माण: सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं

22 जनवरी 2024 का दिन बहुत ही ऐतिहासिक होगा। क्योंकि इस दिन भारत की धर्मप्रेरित और रामचंद्र जी महाराज के प्रति समर्पित जनता की भावनाओं को प्रकट करने वाला भगवान श्री राम जी का मंदिर जनता के लिए खुल जाएगा। आगामी 23 जनवरी से देश व दुनिया के लोग इस मंदिर को देख सकेंगे।
हम सभी जानते हैं कि 1528 में बाबर ने जब इस मंदिर को तोड़ा था तो उस समय से लेकर आज तक इस मंदिर के लिए हिंदुओं ने लाखों बलिदान दिए हैं। कुल मिलाकर लगभग 72 युद्धों में बड़ी संख्या में राम भक्तों ने अपने प्राण गंवाए हैं। अब जब कि हम 23 जनवरी से भगवान राम के इस मंदिर के दर्शन कर सकेंगे तो जो कोई भी व्यक्ति इस मंदिर में प्रवेश करेगा निश्चित रूप से वह अपने उन बलिदानी राम भक्तों के प्रति भी हृदय से नतमस्तक होगा जिन्होंने इस मंदिर के इस दिव्य स्वरूप को स्थापित करने में पिछली कई शताब्दी में अपने बलिदान दिए है।
जबकि भगवान श्री राम के मंदिर का विधिवत उद्घाटन 22 जनवरी को होने जा रहा है तो इसमें देश का कोई भी व्यक्ति सम्मिलित हो सकता है। अयोध्या में राम भक्तों के ठहरने और खाने-पीने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। निर्धारित किए गए कार्यक्रम के अनुसार 22 जनवरी 2024 को देश के प्रधानमंत्री मोदी ठीक 11:00 बजे राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश करेंगे। 11:30 बजे तक अन्य सभी कार्यक्रम संपन्न हो जाएंगे। 23 जनवरी से जनता को राम के दर्शन की अनुमति प्राप्त हो जाएगी। मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी, सर संघचालक मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल और सभी ट्रस्टी राम मंदिर के प्रांगण में उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा ढेर सारे गणमान्य नागरिक भी राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यक्रम के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई है कि अयोध्या के कारसेवकपुरम में 1000 लोगों के लिए रैनबसेरा में रुकने की व्यवस्था होगी। इसके अलावा 850 लोगों के रुकने की व्यवस्था टिन कंपार्टमेंट में होगी। धर्मशाला व अन्य स्थानों पर 1000 कमरे की व्यवस्था की गई है। प्रेसवार्ता के दौरान चंपत राय ने कहा कि मणि पर्वत के पास टिन शेड से ‘टिन सिटी’ बनाई गई है। यहां 3500 से अधिक संतो के आने की व्यवस्था की गई है। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में आने वाले हर श्रद्धालु को भोजन मिल पाए, इसके लिए 30 से अधिक स्थानों पर भंडारा चलेगा. श्रद्धालु कभी भी, कहीं भी भोजन ग्रहण कर सकेंगे। सर्दियों को देखते हुए कई स्थानों पर चाय वितरण भी होगा। चाय के साथ बिस्किट आदि की व्यवस्था भी होगी। चंपत राय ने आगे बताया कि अयोध्या में 2000 शौचालय बनेंगे. सारा शहर बदबू और मक्खियों से मुक्त हो इसकी कोशिश की जा रही है. ठंड को देखते हुए अलाव की व्यवस्था करने की भी योजना है। मंदिर परिसर से कुछ दूर मैदान में सभी भक्तों की गाड़ियां पार्क हो सकती हैं। हाईवे के किनारे पार्किंग, रामसेवकपुरम में पार्किंग समेत और भी कई जगह पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है. 22 जनवरी को कार्यक्रम स्थल तक ले जाने के लिए लगभग 100 बसों की व्यवस्था की गई है।
इस संबंध में बताया गया है कि 22 जनवरी, 2024 के लिए लगभग 4000 संतो को निमंत्रित किया गया है. कोशिश है कि भारत की हर परंपरा के संत आएं. हर राज्य की संस्थाएं और हर राज्य का प्रतिनिधित्व हो पाए इसके लिए 125 परंपराओं के संत, 13 अखाड़े, 6 दर्शन के दर्शनाचार्य को बुलावा भेजा गया है। जिन लोगों को बुलावा भेजा गया है उनमें आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज (हरिद्वार), निर्मल समाज के संत ज्ञान देव जी, बाबा रामदेव, केरल की आनंदमयी मां, दलाई लामा, रामभद्राचार्य जी महाराज, रामानुजाचार्य भास्कर आदि को को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा जत्थेदार स्वामी नांदेड साहब जत्थेदार पटनासाहिब के नाम प्रमुख हैं।
वास्तव में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण राष्ट्र की अस्मिता से जुड़ा हुआ प्रश्न है। जिसे बड़ी संख्या में देश के लोग राष्ट्र मंदिर के रूप में देख रहे हैं। इसके लिए इतिहास की एक परिक्रमा अब पूर्ण होने जा रही है। देश की इस बलिदानी परंपरा ने देश को जीना सिखाया है। अपने अधिकारों के लिए लड़ना सिखाया और आज भारत की वह परंपरा भी अपने सही स्वरूप में प्रकट हो रही है जो सत्यमेव जयते की परंपरा है अर्थात सत्य को परेशान किया जा सकता है, पर उसे पराजित नहीं किया जा सकता। राम मंदिर की स्थापना कुछ ऐसा ही रहती है।

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