नेतृत्वविहीन कांग्रेस को बस राहुल से आस : खुर्शीद

अब तक विरोधी दल यह बात चीख-चीख कर कहते रहे हैं कि कांग्रेस में नेतृत्व की घोर कमी है और इसका असर सीधे सरकारी कामकाज पर पड़ता है। अब यही बात कांग्रेस के सीनियर लीडर कह रहे हैं। विरोधी दलों द्वारा मनमोहन सिंह को कमजोर और कठपुतली प्रधानमंत्री बताया जाता रहा है। ताजा घटनाक्रम में प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने भी प्रधानमंत्री पर सवालिया निशान लगाए हैं। पार्टी और सरकार पर हो रहे हमलों की इसी कड़ी में सामने आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने सनसनीखेज बयान देते हुए कह दिया है कि, हां, कांग्रेस दिशाहीन हो गई है और अब केवल राहुल गांधी से ही आस है। खुर्शीद ने राहुल पर भी निशाना साध लिया। राहुल की पार्टी में हैसियत और उसके अनुरूप कमांड न होने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि काग्रेस की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उसके पास राहुल जैसे युवा और लोकप्रिय नेता तो हैं, लेकिन उनकी ओर से कोई वैचारिक दिशा निर्देश नहीं मिलते। राहुल के विचार और मार्गदर्शन केवल चुनाव के दौरान आते हैं।
हताशा व्यक्त करते हुए एक अखबार से खुर्शीद ने कहा कि यह वक्त कांग्रेस के लिए इंतजार का है और इसके अलावा कुछ नहीं किया जा सकता। उनका इशारा राहुल के कमान संभालने की ओर था। उन्होंने यूपीए सरकार के बारे में कहा कि यूपीए-2 में राजनीति और सत्ता संचालन का आपस में घालमेल हो गया है, जो चिंतनीय है। ऐसी दशा में पार्टी को केवल सोनिया और राहुल से ही उम्मीद है, जो इस मुश्किल से छुटकारा दिला सकते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल अभी संगठन में उतनी ऊंचाई पर नहीं हैं, लेकिन सोनिया हैं। प्रधानमंत्री सरकार चला सकते हैं लेकिन वह मंच तैयार नहीं कर सकते। यह काम सिर्फ सोनिया ही कर सकती हैं। देश की मंद पड़ती आर्थिक स्थिति को स्वीकारते हुए खुर्शीद ने कहा कि नीतिगत सुधार ऐसे हालात में हो नहीं सकते। उन्होंने कहा कि यूपीए-1 की जो हालत थी वह यूपीए दो की नहीं है, जबकि ज्यादातर नेता वही हैं।

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