एक विवाद के बाद फोरलेन पर थमे यातायात ने रोडवेज को सबसे तगड़ी चोट पहुंचाई है। फोरलेन पर तीन दिनों के लिए यातायात बंद होने से परिवहन निगम का पूर्वाचल से तीन दिनों के लिए नाता टूट गया है। पूर्वाचल की ओर जाने वाले बसों के पहिये थम जाने से करीब दो लाख रुपये प्रतिदिन का नुकसान हो रहा है। बहराइच व गोंडा जाने वाले मार्ग पर बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। दो दिन पूर्व बस्ती जिले के छावनी इलाके में कावरिया की सड़क दुर्घटना के बाद उपजे आक्रोश को देखते हुए फोरलेन पर यातायात संचालन ठप कर दिया गया। यातायात प्रतिबंध आगामी 18 जुलाई तक बने रहने के आसार हैं। सोमवार को बस्ती जिला प्रशासन द्वारा थोड़ा ढील दी गई, जिसके चलते छोटी गाडिय़ों को बस्ती और गोरखपुर की ओर निकाला गया, लेकिन रोडवेज बसों एवं ट्रकों को फोरलेन पर ही रोके रखा गया। राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 28 पर अयोध्या और बस्ती के बीच यातायात प्रतिबंधित कर देने से रोडवेज को तगड़ा चूना लग रहा है। फोरलेन बंद हो जाने से बहराइच और गोरखपुर मार्ग पर तो बसों का संचालन नहीं हो रहा है। 109 बसों के बेड़े वाले फैजाबाद डिपो से पूर्वाचल को जाने वाली 25 बसें खड़ी हो चुकी हैं। शेष बसों को घाटे के तौर पर आजमगढ़ रूट से निकाला जा रहा है। गोंडा, बहराइच, गोरखपुर, देवरिया व कुशीनगर जाने के लिए विभिन्न रूटों से आने वाले वाली बसों का टर्निग प्वाइंट अयोध्या होता है।
प्रतिबंध की यह स्थित शीघ्र न सुलझी तो रोडवेज में घाटे की स्थित विस्फोटक हो सकती है। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एनएस यादव का कहना है कि फोर लेन पर यातायात प्रतिबंध से कुछ दिक्कत है, पर यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिले इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
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