भारत को समझो अभियान की अनोखी पहल पर : महर्षि दयानन्द साधना स्थल चासी पर बनेगा विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल “उगता भारत राष्ट्र मंदिर”

 ग्रेटर नोएडा ( नागेश कुमार आर्य ) भारत को समझो अभियान जिस प्रकार भारतीय राष्ट्रवाद के पुनर्जागरण के कामों में सक्रिय है उसका एक विशेष परिणाम यह निकला है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह द्वारा महर्षि दयानंद साधना स्थल चासी पर विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल को अगली कार्य योजना में सम्मिलित करने का पत्र सचिव को लिखा गया है।
इस संबंध में समिति के राष्ट्रीय महासचिव योगेश शास्त्री ने हमें बताया कि स्याना व अनूपशहर के गंगा तटीय क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित कराने की मांग को लेकर पर्यटन मन्त्री जयवीर सिंह से एक प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में मिला था।


प्रतिनिधि मण्डल में आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के सभा प्रधान देवेंद्र पाल वर्मा तथा आर्ष गुरुकुल राजघाट बुलन्दशहर के कुलसचिव आचार्य योगेश शास्त्री रहे। पौराणिक, ऐतिहासिक और धार्मिक गंगा तटीय क्षेत्र को पर्यटन स्थल बनाने की मांग काफी दिनों से लोगों के द्वारा की जा रही है।
इस गंगा तटीय क्षेत्र में 15 किलोमीटर के दायरे में निर्माणाधीन गंगा पुल के पास माण्डव आश्रम से अवन्तिका देवी के मध्य पौराणिक और धार्मिक स्थलों की श्रंखला है, जिसमें गुरु गोरख नाथ सिद्ध बाबा धाम, अम्बिकेश्वर महादेव मन्दिर, माता रूक्मिणी का गांव (कुन्दनपुर) आहार हैं। जिसमें महर्षि दयानंद की तपोस्थली निर्माणाधीन गंगा पुल के सबसे नजदीक है।
आचार्य योगेश शास्त्री ने बताया कि आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधिमण्डल ने उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मन्त्री माननीय श्री जयवीर सिंह से लखनऊ उनके आवास पर संकल्प पत्र के साथ मुलाकात की। संकल्प पत्र में आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के सभा प्रधान देवेन्द्रपाल वर्मा ने अवगत कराया कि जनपद बुलन्दशहर एक सौभाग्यशाली जनपद है जहां वेदों के पुनरुद्धारक, सनातन परम्पराओं के जागृत कर्ता, गृहस्थ की ब्रह्म नारी को वेद पाठ सहित समस्त कर्म कांडों के अधिकार प्रदाता, विश्व को शाश्वत सत्य की ओर आमुख करने वाले, वेदों के महान मनीषी महर्षि दयानन्द का सर्वाधिक लम्बे समय तक साधना करने का सौभाग्य जनपद बुलन्दशहर के गंगा तटीय चासी नामक ग्राम को प्राप्त हुआ है
आचार्य योगेश शास्त्री ने बताया कि पर्यटन मंत्री को प्रेषित पत्र में 100 बीघा भूमि पर महर्षि की भव्य स्मृति में जनहित के कल्याण और शिक्षा चिकित्सा रोजगार के लिए भव्य आर्ष गुरुकुल, गौशाला, प्राकृतिक चिकित्सालय के साथ “राष्ट्र मन्दिर- महर्षि दयानन्द स्मारक” स्थापना का संकल्प लिया है। महर्षि दयानन्द की तपोस्थली चासी पर सभी क्रांतिकारी अमर बलिदानियों के चित्र, कृतित्व विवरण सहित प्रदर्शित करने का भी संकल्प लिया है।
प्रतिनिधिमण्डल ने पर्यटन मन्त्री से अनुरोध किया है कि महर्षि दयानन्द की 200 वीं जयन्ती पर तप:स्थली सहित माण्डव ऋषि आश्रम से अवन्तिका देवी मन्दिर तक की पौराणिक एवं धार्मिक तीर्थ स्थलों की श्रृंखला को पर्यटन स्थल घोषित किया जाए। और सभी तीर्थ स्थलों की श्रृंखला को 7.5 मीटर चौड़ी टूलेन रोड से जोड़कर पर्यटन कॉरिडोर बनाया जाए। तपोस्थली के निकट निर्माणाधीन गंगा पुल को जहांगीराबाद वाया ऊंचागांव गंगा पुल तक जाने वाली सिंगल रोड को 7.5 मीटर चौड़ी टू लेन रोड किया जाए।
इस प्रकार यह गंगा तटीय पर्यटन कॉरिडोर विश्व का जाना माना पर्यटन कोरिडोर होगा। जो ऊंचागांव – स्याना होते हुए हस्तिनापुर से जुड़ जाएगा जिसकी दूरी मात्र 80 किलोमीटर होगी।
साथ ही यह कॉरिडोर अवन्तिका देवी मन्दिर से वाया अनूपशहर होते हुए कृष्ण की नगरी मथुरा से जुड़ जाएगा जिसकी दूरी मात्र 135 किलोमीटर होगी। इस पर्यटन स्थल की दूरी गंगा एक्सप्रेस वे से मात्र 18 किलोमीटर दूर होगी। यह पर्यटन स्थल गंगा एक्सप्रेस वे यमुना एक्सप्रेसवे को भी जोड़ेगा और जेवर हवाई अड्डे की दूरी यहां से मात्र 85 किलोमीटर होगी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निकट होने के कारण यह हरिद्वार, बनारस और प्रयागराज का भी विकल्प साबित होगा। पर्यटन एवम संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को पर्यटन स्थल घोषित कराने का आश्वासन दिया।
प्रदेश के पर्यटन मंत्री द्वारा जारी किए गए उपरोक्त निर्देश का पत्र राष्ट्रीय महामंत्री योगेश शास्त्री द्वारा समिति के राष्ट्रीय प्रणेता डॉ राकेश कुमार आर्य को सौंपा गया। श्री आर्य ने जहां श्री शास्त्री व श्री देवेंद्र पाल वर्मा के प्रति आभार व्यक्त किया वही उगता भारत राष्ट्र मंदिर के प्रारूप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस राष्ट्र मंदिर में भारत के संपूर्ण इतिहास को समाविष्ट करने का प्रयास किया जाएगा। जिसमें देश के क्रांतिकारी स्वाधीनता आंदोलन में स्वामी दयानंद जी महाराज और आर्य समाज की विशेष भूमिका को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाएगा।

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