डॉ डी के गर्ग

ये लेख दो भागो में है। कृपया अपने विचार बताये।

वर्तमान समय में जब देश और दुनिया में विज्ञान प्रभाव बढ़ा है,साक्षरता बढ़ी है तब भी भारत में बाबा नीम करोली महाराज, माँ आनंदमयी, देवरहा बाबा , सद्गुरु जग्गी ,त्रैलंग स्वामी ,बागेश्वर धाम बाबा भी अन्धविश्वास और चमत्कार के लिए प्रसिद्ध हो रहे है और हजारो की संख्या में भक्त और नेता उनसे मिलने आ रहे है ताकि उनके बिगड़े काम बन जाए कष्ट दूर हो जाएं।

धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा नामक गांव में हुआ। उनके पिता का नाम राम करपाल गर्ग और माता का नाम सरोज गर्ग है। इन्होंने अपने बचपन गड़ा गांव में ही बिताया है। इन्होंने अपने जीवन में सबसे पहले अपने दादा से सीखना शुरू किया था, जिनका नाम भगवान दास गर्ग था। इन्होंने ही धीरेन्द्र को रामायण और भागवत गीता पढ़ाया। धीरेंद्र शास्त्री की प्रारंभिक शिक्षा गांव मैं ही कक्षा 8 तक हुई, उससे आगे की शिक्षा के लिए गांव में स्कूल ना होने की वजह से गंज में कक्षा 9 से 12वीं तक की उसके आगे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने की वजह से जैसे तैसे प्राइवेट B. A. कर पाए।

धीरेन्द्र कृष्ण की पिछली 3-4 पीढ़ियां एक मंदिर में पूजारी रही है। धीरेन्द्र कृष्ण 2003 से इस मंदिर के दरबार को संभाल रहें है। धीरेन्द्र कृष्ण जी के दादा जी ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था।
बाबा का बिज़नेस मॉडल : बाबा ने ईसाई पास्टर वाला बिज़नेस मॉडल अपनाया है जैसे ईसाई चंगाई सभा करते है वैसे ही बाबा का दरबार लगता है ,जिसमे अर्जी दी जाती है। बाबा गुरु मंत्र भी देते है,फोन पर हनुमान जी से वार्ता करते है और ऐसे ही नित नए चमत्कार का दावा करते है।बाबा का कहना है कि वो सभी के मन की बात स्वयं जान लेते है। लेकिन टीवी के एक कार्यक्रम में जादूगर राजकुमार ने दावों का खंडन किया और ये ट्रिक दुनिआ के सामने खोल दी ।

बाबा के अच्छे कार्य=
बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र जी जो समाज सेवा के कार्य कर रहे हैं जो कि निम्न हैं :-
१.गरीब बहनों व बेटियों के विवाह करवाना।
२.आदिवासी समाजों में जा कर इसाई मिशनरियों के द्वारा चल रहे धर्मांतरण को रोकना व शुद्धि अभियान आदि।
बागेश्वर धाम वाले बाबा का कहना है की भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना है और सभी देशवासी चादर और फ़ादर के चक्कर से दूर रहो। बाबा ने भरी संख्या में ईसाई की घर वापसी करवाई और कुछ मुस्लिम भी बाबा से प्रभावित होकर हिन्दू बने , तभी से बाबा का डंका देश में बजने लगा है,मीडिया में सुर्खियां बाबा को मिल रही है।
विष्लेषण=

धीरेन्द्र शास्त्री पहला और अकेला पाखंडी नहीं है जो जिन्न और भूत भगाने का दावा कर रहा है क्योंकि मुल्ला और पादरी पहले से ही इस धंधे में जमे हुए हैं। भारत सरकार भी “सर तन से जुदा” के राक्षसी नारे के साथ खड़ी अजमेर की मजार पर चादर चढ़ाने से बाज नहीं आ रही है।
अकेले बागेश्वर धाम वाले बाबा के खंडन का मतलब यह भी तो है कि आप मुल्ला,मजार,पादरी और चंगाई सभा के पक्ष में अभियान चला रहे हैं।

दर्शन शास्त्र और आयुर्विज्ञान से यह भलीभांति सिद्ध हो चुका है कि भूत प्रेत और जिन्न काल्पनिक हैं फिर भी लोग इन बिमारियों से पीड़ित हैं ही। और मजारों पर तथा चंगाई सभाओं में इनका उपचार भी हो रहा है। गांवों और शहरों में भी झाड़फूंक का धंधा चल ही रहा है। यदि बागेश्वर धाम वाला बाबा भी यह पाखंड करता है तो करता रहे।

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