कर्पूरी ठाकुर को मिले भारत रत्न..लखन लाल आर्य

धौर्रा(ललितपुर).. कर्पूरी ठाकुर जन्म शताब्दी वर्ष समारोह समिति के तत्वाधान में सामाजिक न्याय के सूत्रधार,दलितों पिछड़ों के मसीहा,स्वतंत्रता सेनानी,शिक्षाविद,जननायक कर्पूरी ठाकुर की 99 वीं जयंती एवं कर्पूरी ठाकुर काम हर ग्राम जन्म शताब्दी वर्ष स्थानीय ग्राम पंचायत सचिवालय धौर्रा में मुख्य वक्ता संयोजक आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य एवम ग्राम प्रधान धीरज सिंह के मुख्य आतिथ्य एवम कीरत सेन सिमिरिय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
मुख्य वक्ता संयोजक आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर ने शोषित,पीड़ितों,बंचितो की आवाज को बुलंद किया। आर्य ने कहा कि केंद्र सरकार रोहिणी आयोग एवं उत्तर प्रदेश सरकार जस्टिस राघवेंद्र कमेटी की सिफारिशों को लागू करें तभी कर्पूरी ठाकुर फार्मूला के अनुसार अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण का सही लाभ मिल पाएगा तथा कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर जन्म शताब्दी वर्ष 2024 को उनके अनुयाई का सम्मान होगा। श्री आर्य ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जैसे महान व्यक्तित्व की उपेक्षा करना समाज के शोषित और उपेक्षित लोगों की उपेक्षा करना है। जब समाज नई करवट ले रहा हो और नए युग के निर्माण की बात की जा रही होंतब कर्पूरी ठाकुर जैसे नायकों का सम्मान करना समय की आवश्यकता है।
मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान धीरज सिंह ने कहा कि वर्तमान समय के राजनेताओं को कर्पूरी ठाकुर के जीवन से सीखने की अवश्यकता हैं।
अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी कीरत सेन सिमिरिया ने कहा कि समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों जैसे शराब,जुआ,मृत्युभोज आदि को त्यागते हुए शिक्षा से जोड़ने की अवश्यकता पर बल दिया।
प्रभु सेन बंट, राजू सेन कचनौदा कला ,अजय सेन बिजली विभाग,बद्री सेन बम्होरी,राजकुमार सेन बम्होरी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को अपने आने बाली पीढ़ी को सुशिक्षित सुसंस्कारित करने की महती आवश्यकता हैं।

आयोजन में मुन्ना लाल सेन, दशरथ सेन मन्नू,खिलान सेन पिपरई,पदम सेन धौरा,शिवम सेन बम्होरी,रामदीन सेन बम्होरी, गनपत सिंह यादव,रामसिंह परमार मादौन,राजाराम कुशवाहा,मुस्ताक खान,पंचम सिंह,देवी सिंह सदस्य ग्राम पंचायत,विनोद कुमार सेन,केशव कुशवाहा,रामू सेन,भगवान दास सेन,सुखलाल सेन,धर्मेंद्र कुशवाहा,रोहित सेन,रज्जन सेन,देवीलाल सेन,गोविंद कुशवाहा सहित अनेकों ग्रामीण उपस्थित रहें।
संचालन बद्री सेन बम्होरी एवम आभार रज्जन सेन धौर्रा ने किया।

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