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उगता भारत न्यूज़

देश की भूमि हडपने हेतु वक्‍फ बोर्ड को असीमित अधिकार देनेवाला ‘वक्‍फ कानून’ निरस्‍त करें ! – राष्‍ट्रप्रेमियों की सरकार से मांग


वाराणसी – वर्ष 1995 और वर्ष 2013 में कांग्रेस सरकार ने वक्‍फ कानून में केवल मुसलमान ही नहीं, अपितु सिख, बौद्ध, ईसाई आदि सर्व धर्मियों की किसी भी संपत्ति को वक्‍फ बोर्ड की संपत्ति घोषित करने के अत्‍यंत भयानक अधिकार वक्‍फ बोर्ड को दिए । इस कानून का दुरुपयोग कर देशभर में बलपूर्वक भूमि हडपकर ‘लैंड जिहाद’ किया जा रहा है । वर्ष 2009 में वक्‍फ बोर्ड के पास 4 लाख एकड भूमि थी, वही भूमि अब वर्ष 2022 में अर्थात 13 वर्षों में दोगुनी होकर 8 लाख एकड हो गई है । यह ऐसा ही चलता रहा, तो कुछ वर्षों में भारत की सर्वाधिक भूमि वक्‍फ बोर्ड की हो जाएगी और पुनः एक बार बडा भूभाग निगलकर भारत में नए पाकिस्‍तान का निर्माण हो जाएगा । देश की भूमि हडपने हेतु वक्‍फ बोर्ड को असीमित अधिकार देनेवाला ‘वक्‍फ कानून’ निरस्‍त किया जाए इस मांग हेतु हिन्‍दू जनजागृति समिति ने यहां के जिलाधिकारी के माध्‍यम से प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय कानून मंत्री को निवेदन दिया ।

इस समय राष्ट्रीय जनसेवा संघ के राष्ट्रीय महासचिव अधिवक्‍ता अरुण कुमार मौर्य, भारतीय मानवाधिकार संघ के राष्ट्रीय अध्‍यक्ष अधिवक्‍ता अनिल चौरसिया नागवंशी, महादेव महिला सेवा समिति की उपाध्‍यक्ष अधिवक्‍ता प्रियंका पाण्‍डेय, हिन्‍दू जागरण मंच के काशी महानगर संयोजक अधिवक्‍ता अवनीश राय, इंटरनेशनल शिवज्ञान गंगा चैरिटेबल ट्रस्‍ट के कानूनी सलाहकार अधिवक्‍ता बृजेश कुमार मिश्रा, अधिवक्‍ता सत्‍येंद्र तिवारी, अधिवक्‍ता कमलकांत त्रिपाठी, अधिवक्‍ता बृजेश कुमार मिश्रा, अधिवक्‍ता सत्‍येंद्र तिवारी, हिन्‍दू जनजागृति समिति के वाराणसी जिला समन्‍वयक श्री. राजन केसरी, श्री. प्रेम प्रकाश कुमार तथा अन्‍य उपस्‍थित थे । तत्‍कालीन कांग्रेस सरकार ने वक्‍फ कानून द्वारा मुसलमानों को दी हुई शक्‍ति अथवा कानूनी अधिकार किसी भी हिन्‍दू, ईसाई, जैन, बौद्ध अथवा अन्‍य किसी गैर-मुसलमान को नहीं दिए हैं । यह धार्मिक भेदभाव संविधानविरोधी है ।

* इस समय निम्‍न मांगे की गईं :
1. ‘वक्‍फ कानून’ तत्‍काल निरस्‍त किया जाए ।
2. इस कानून का उपयोग करते हुए जो भूमि वक्‍फ बोर्ड ने स्‍वयं की घोषित की है, वह प्रत्‍येक संपत्ति मूल स्‍वामी को देकर उस पर वक्‍फ बोर्ड का अधिकार पूर्णतः समाप्‍त किया जाए ।
3. धार्मिक पक्षपात करनेवाला, देश की सुरक्षा को संकट में डालनेवाला, नागरिकों के मूलभूत अधिकार छिननेवाला यह कानून बनानेवाले, संसद में प्रस्‍तुत करनेवाले और वह पारित करनेवाले आदि सभी पर देश को ठगने अर्थात देशद्रोह करने के आरोप में कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए ।

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