नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुने जाने की प्रक्रिया

अनिल कुमार

दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्‍कार का ऐलान 7 अक्टूबर को नार्वे की राजधानी ओस्‍लो में किया जाएगा। रायटर्स के सर्वे के अनुसार इस प्राइज के लिए इस साल जिन लोगों के नाम सबसे ऊपर चल रहे हैं, उनमें भारत की फैक्‍ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्‍ट न्‍यूज के संस्‍थापक प्रतीक सिन्‍ह भी शामिल हैं। नोबेल शांति पुरस्‍कार के विनर का सेलेक्शन नार्वे के नोबेल समिति के 5 मेंबर्स की ओर से किया जाएगा। इन सभी पांचों मेंबर्स की नियुक्ति नार्वे की संसद ने की है। इस बार नोबेल शांति पुरस्कार के दावेदारों में 251 व्यक्ति और 92 संगठन भी शामिल हैं। भारत के प्रतीक सिन्‍हा और मोहम्‍मद जुबैर के अलावा, यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन, म्‍यांमार की राष्‍ट्रीय एकता सरकार, बेलारूस की विपक्षी नेता स्वितलाना भी शामिल हैं। आइए जानते हैं आखिर इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए विजेता का सेलेक्शन कैसे किया जाता है।

कौन चुनता है नोबेल विजेता

नोबेल शांति पुरस्कार का विजेता चुनने के लिए नॉर्वे की संसद की तरफ से पांच सदस्यों की समिति नियुक्त की जाती है। नोबेल शांति पुरस्कार ओस्लो, नॉर्वे में दिया जाता है। वही, फिजिक्स, केमिस्ट्री, शरीर विज्ञान या चिकित्सा, साहित्य में नोबेल पुरस्कार और आर्थिक विज्ञान में पुरस्कार स्टॉकहोम, स्वीडन में दिए प्रदान किए जाते हैं।

इस तरह होता है सेलेक्शन

नोबेले समिति सितंबर महीने में नॉमिनेशन प्राप्त करने की तैयारी करती है।
31 जनवरी की मध्य रात्रि तक नॉमिनेशन जमा करने की अंतिम तारीख होती है। इसके बाद नॉमिनेशन को नॉर्वे नोबेल समिति को भेजा जाता है।
मार्च से अप्रैल के बीच उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट किया जाता है। इस दौरान कमेटी उम्मीदवार के कार्यों की समीक्षा करती है। इसके आधार पर ही लिस्ट बनाई जाती है।
मई से अगस्त महीने के बीच में एडवाइजर रिव्यू होता है।
अक्टूबर में बहुमत से नोबेल पुरस्कार विजेता के नामों की घोषणा होती है। नोबेल समिति का निर्णय अंतिम होता है और उसको लेकर कोई अपील नहीं होती है।
इसके बाद अक्टूबर से दिसंबर के बीच पुरस्कार समारोह का आयोजन होता है। इस समारोह में नोबेल पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाता है।

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