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एक दर्शक की तरफ से रवीश कुमार के लिए जारी…

आम आदमी पार्टी को लेकर मेरा स्वर बीते समय थोड़ा तल्ख इसलिए था क्योंकि अनुमान था कि यह पार्टी लोगों का विश्वास तोड़ेगी। शाहीन बाग, दिल्ली में अरविन्द की रैली ऐतिहासिक थी। दिल्ली का मुसलमान उनकी तरफ उम्मीद से देख रहा था, अरविन्द पर भरोसा कर रहा था और अरविन्द की सोच यह थी कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है। दिल्ली का मुसलमान जाएगा कहां? यह सोच खतरनाक है और मेरा विरोध इस सोच से था।
इस बीच गर्ग साहब और केजरीवाल साहब के बीच हुई बातचीत का स्टिंग सामने आ गया।
जब प्राइम टाइम में तमाम चैनल अरविन्द पर बात कर रहे थे। एनडीटीवी के रवीश कुमार जेवर के खेत से अपनी रिपोर्ट कर रहे थे। एनडीटीवी की दर्शकों की शिकायत रवीश से यह है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी पर बहस क्यों नहीं की प्राइम टाइम में? जबकि सच्चाई यह है कि रवीश कुमार प्राइम टाइम वाले पत्रकार लगते नहीं हैं। वे रवीश की रिपोर्ट वाले पत्रकार है। प्राइम टाइम में देखकर यही लगता है कि यहां उन्हें जबरन बिठा दिया गया है और वे बेहद खराब किस्म से एक ‘नौकरी’ कर रहे हैं।
वैसे जिनकी रूचि स्टिंग में थी, उनके लिए तमाम चैनल बहस कर ही रहे थे। एनडीटीवी पर भी खबर आ रही थी। वैसे किरारी गांव दिल्ली से जब रवीश ने डूबते हुए घरों पर रिपोर्ट की थी, उस वक्त उनका इरादा जो भी रहा हो लेकिन उसकी टाइमिंग देखकर यही लग रहा था कि यह आम आदमी पार्टी के इलेक्शन कैम्पेन का हिस्सा है। खैर जो भी हो रिपोर्ट से मिली जानकारी तो सही थी। रवीश को इसी तरह जमीन की खबर दर्शकों तक पहुंचाते रहना चाहिए।

एक दर्शक की तरफ से रवीश कुमार के लिए जारी…

आशीष्‍ा कुमार अंशू

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