पेयजल की समस्‍या जल्‍द होगी दूर

नई दिल्ली में राजस्थान की जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्राी श्रीमती किरण माहेश्वरी ने की

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्राी चौधरी वीरेन्द्र सिंह से मुलाकात

राजस्थान को वर्तमान पेयजल की समस्याओं से निपटने के लिए 

500 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध करवाई जावें

नई दिल्ली, 26 मार्च, 2015। राजस्थान की जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्राी श्रीमती किरण माहेश्वरी ने केन्द्र सरकार से राजस्थान के लिए चालू वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान पेयजल समस्याओं के निराकरण के लिए 500 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि की मांग की है। साथ ही उन्होंने राजस्थान के लिए विशेष दर्जा की मांग करते हुए केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य को प्रति वर्ष 7,275 करोड़ रूपये के हिसाब से दस वर्षो के लिए 72 हजार 750 करोड़ रूपये का विशेष पैकेज प्रदान करने का आग्रह भी किया है।

श्रीमती माहेश्वरी ने गुरूवार को नई दिल्ली के कृषि भवन में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्राी चौधरी वीरेन्द्र सिंह से मुलाकात कर प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और भू-जल एवं सतही जल की चिंताजनक स्थिति से अवगत करवाते हुए यह मांग रखी। इस मौके पर पाली के सांसद श्री पी.पी. चौधरी भी मौजूद थे।

श्रीमती माहेश्वरी ने केन्द्रीय मंत्राी से अनुरोध किया कि वर्ष 2014-15 के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एन.आर.डी.डब्ल्यू.पी) के अन्तर्गत राजस्थान को आवंटित कुल धनराशि 1348.24 करोड़ मंे से प्रदान किये गए 1236.89 करोड़ में से फरवरी 2015 तक 995.95 करोड़ रूपये का उपयोग किया  जा चुका है और मार्च 2015 के अंत तक यह खर्च 1200 करोड़ रूपये पहुॅचने का अनुमान है। इसलिए चालू वित्त वर्ष के लिए 500 करोड़ रूपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जावें। उन्होंने कहा कि राजस्थान को आने वाले वर्षो के दौरान एन.आर.डी.डब्ल्यू.पी को सुचारू ढंग से चलाने के लिए 4000 करोड़ रूपये की अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता होगी।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान देश के कुल क्षेत्राफल का 10.4 प्रतिशत हिस्सा होने के साथ सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन रेगिस्तान प्रधान इस प्रदेश मे सतही जल मात्रा 1.16 प्रतिशत और भू-जल 1.14 प्रतिशत ही उपलब्ध है। राज्य की 1 लाख 21 हजार में से 23 हजार 956 बस्तियां अल्प गुणवत्ता युक्त और दूषित पानी की समस्या से ग्रस्त है। प्रदेश में देश का 18.40 प्रतिशत पशुधन है। राजस्थान में देश की सबसे ज्यादा खारे पानी और फ्लोराइड की समस्या व्याप्त है।

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