मुख्य न्यायाधीश ने मोदी सरकार की आलोचना की

hammer court
अवधेश कुमार

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा ने जजों की नियुक्ति में सीनियर ऐडवोकेट गोपाल सुब्रमण्यम की अनदेखी करने पर सरकार की आलोचना की है। लोढ़ा ने कहा है कि सरकार ने उन्हें जानकारी दिए बिना यह फैसला लिया।

मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले को न्यायपालिका की आजादी से जोड़ते हुए कहाए श्न्यायपालिका की आजादी के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।श् हालांकि उन्होंने इस बात पर भी निराशा जाहिर की कि जब वह विदेश में थे तो सुब्रमण्यम ने अपनी शिकायत सार्वजनिक कर दी।

उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम की जज के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश की गई थीए लेकिन उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था। इस बारे में सुब्रमण्यम ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर कहा था कि जज के तौर पर मेरी नियुक्ति की सिफारिश को वापस ले लिया जाए।
56 वर्षीय सुब्रमण्यम यूपीए सरकार में सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं। एनडीए सरकार ने जजों की नियुक्ति करने वाले कॉलेजियम को लिखा था कि सुब्रमण्यम की सिफारिश पर फिर से विचार करें।

इस बात पर सुब्रमण्यम काफी नाराज थे और उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में उनकी भूमिका के चलते ऐसा किया जा रहा है।

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