*विश्व पटल पर आर्य समाज को कार्य योजना देनी होगी-डॉ अशोक कु चौहान(संस्थापक अध्यक्ष,एमिटी विश्वविद्यालय)*

*अन्तर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन सम्पन्न*

*यज्ञ,योग,ध्यान से विश्व बंधुत्वता मजबूत होगी -भुवनेश खोसला (प्रधान,आर्य समाज अमेरिका)*

रविवार,13 फरवरी, 2022, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के 44 वें वार्षिकोत्सव पर “अन्तर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन” का आयोजन ऑनलाइन किया गया। जिसमें 15 देशों के आर्य नेताओं ने भागीदारी की।यह परिषद का कोरोना काल में 358वां वेबिनार था।
कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य गवेन्द्र शास्त्री ने 101 कुंडीय यज्ञ के साथ किया।

समारोह अध्यक्ष एमिटी शिक्षण संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक कु चौहान ने कहा कि हमारे पास उच्च मूल्य, ज्ञान का भण्डार है लेकिन हमें प्रस्तुत करना नहीं आया हमें विश्व पटल पर अपनी कार्य योजना देनी होगी भारतीय संस्कृति के गुण लाभ समझाने होंगे तभी हमारी स्वीकार्यता होगी।जब बात लोगो की समझ में आयेगी तभी हम विश्व का आर्य करण करने में सफल हो सकेंगे।उन्होंने कहा कि आर्य समाज मानवमात्र के कल्याण की कामना करता है सर्वे भवन्तु सुखिन: यही हमारा आदर्श होना चाहिये।

अमेरिका आर्य समाज के प्रधान भुवनेश खोसला ने कहा कि लोगों में भूख प्यास है,जानने की इच्छा है उस पर व्यवहारिक प्रयोग या प्रोजेक्ट बनाने की आवश्यकता है।आर्य समाज के सिद्धांतों का क्रियान्वयन करने की आर्य समाज की प्रासंगिकता है।उन्होंने कहा कि यज्ञ,योग व ध्यान को जीवन का अंग बनायें,जिससे हमारी आधारशिला मजबूत होगी।
वैदिक विद्वान विष्णुमित्र वेदार्थी ने कहा कि आज आर्य समाज की पहले से अधिक आवश्यकता है पूरे हिन्दू समाज को संगठित कर आर्य समाज को नेतृत्व प्रदान करना है।
युगांडा आर्य समाज के प्रधान कुलदीप ओबेरॉय, पाकिस्तान से रामचंद्र आर्य,मॉरीशस से रामधोनी,नैरोबी केन्या से विमल चड्डा,दुबई से विश्व मोहन आर्य आदि ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं प्रदान की और विदेशों में और युवा पीढ़ी में भारतीय संस्कृति की महत्ता पहुंचाने का संकल्प लिया।उन्होंने कहा कि आपने आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से महर्षि दयानंद के मंतव्यों को घर-घर तक पहुंचाया है स्वामी दयानंद त्रेतवाद को मानते थे ईश्वर,जीव और प्रकृति इनसे ही संसार चला करता है कर्म फल की व्यवस्था भी उन्हीं की देन है सत्य को स्वीकार और उन्होंने असत्य को छोड़ने और सत्य के ग्रहण का संकल्प कराया उन्होंने कहा कि आर्य समाज एक वैचारिक क्रांति का नाम है,आओ हम सब संकल्प करें स्वामी दयानंद की विचारधारा को जन जन तक पहुंचाने के लिये कृतसंकल्प हों।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि वर्तमान परिवेश में समाज के ज्वलंत मुद्दों का हल कर के आर्य समाज विश्व मे नेतृत्व प्रदान कर सकता है।साथ ही नई पीढ़ी को सुसंस्कारित करने को एक लक्ष्य बना कर चलना होगा।

आर्य समाज ईस्ट अफ्रीका के प्रधान डॉ.रजनी टेलर जी ने अफ्रीका में आर्य समाज की कार्य विधि का परिचय दिया।

आर्य नेता आनन्द चौहान,मृदुला चौहान,अजय चौहान,ओम सपरा ने शुभकामनाएं प्रदान की।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीण आर्य, अध्यक्ष आनंद प्रकाश आर्य,डा आर.के.आर्य,यशोवीर आर्य,महेंद्र भाई,देवेन्द्र भगत,अजय सहगल, धर्मपाल आर्य,दुर्गेश कपूर ने भी मार्गदर्शन दिया।

गायिका पिंकी आर्या,चिंकी झा,सुनीता आहूजा, प्रतिभा कटारिया,दीप्ति सपरा, किरण सहगल,कुसुम भंडारी, सुदेश आर्या,रविन्द्र गुप्ता,ईश्वर देवी आर्या(अलवर),राम कृष्ण शास्त्री (बहरोड़) जनक अरोड़ा, आशा आर्या,अंजू आहूजा,विजया खुल्लर आदि ने ऋषिमहिमा के गीतों से सभी को भाव विभोर कर दिया।

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