भारत के विकास में अमेरिका अहम साझीदार : मोदी

make in india
make in india logo

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि वह वाशिंगटन में राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ होने वाली मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें इस बात का भरोसा है कि उनकी पांच दिवसीय अमेरिका यात्रा से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के नए अध्याय की शुरुआत होगी। अमेरिका रवाना होने से पूर्व जारी बयान में मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि अमेरिका देश के राष्ट्रीय विकास में अहम साझीदार है।

मोदी इस दौरे पर न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे और इसके बाद ओबामा के साथ वार्ता के लिए वाशिंगटन रवाना हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनकी ओबामा के साथ पहली बैठक होगी। उन्होंने कहा, “उनकी जीवन यात्रा लोकतंत्र द्वारा उन्हें दिए गए अधिकार और अवसर का अद्भुत प्रमाण है। साझा मूल्य, एक तरह के हित और पारस्परिक भरोसे ने दुनिया के सबसे पुराने तथा बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच स्वाभाविक समझौते का आधार मुहैया कराया है।”

उन्होंने कहा, “हम साथ काम कर लंबे समय के मतभेद को दूर कर सकते हैं और शांतिपूर्ण, स्थिर, सुरक्षित, स्थाई तथा उन्नतशील विश्व के निर्माण में योगदान दे सकते हैं।” उन्होंने कहा, “मुझे इस बात का भरोसा है कि यह दौरा हमारी रणनीतिक साझेदारी के नए अध्याय की शुरुआत करेगा।” प्रधानमंत्री ने 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए जाने वाले अपने अभिभाषण के संदर्भ में कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र में जल्द सुधार की जरूरत पर बल देंगे, ताकि यह 21वीं सदी में प्रासंगिक बना रहे और चुनौतियों का सामना करने में प्रभावी बने।

मोदी ने कहा, “महासभा का 69वां सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अस्थिर वैश्विक अर्थव्यवस्था, विश्व के कई हिस्सों में अशांति, आतंकवाद का प्रसार, अफ्रीका में इबोला संकट, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक गरीबी की समस्या जैसी कई चुनौतियों से जूझ रहा है।” उन्होंने कहा, “मैं इन चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूत वैश्विक प्रतिबद्धता और अधिक मजबूत बहुपक्षीय कदम उठाए जाने का आह्वान करूंगा।”

मोदी 26 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं। 2002 में हुए गुजरात दंगे के बाद 2005 में अमेरिका ने उनके वीजा पर रोक लगा दी थी। मोदी 26-30 सितंबर के बीच अमेरिका का दौरा करेंगे, जिस दौरान वह करीब 35 अलग-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। वह इस दौरान पड़ोसी देश श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे, नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कुमार कोइराला और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ अलग-अलग बैठक करेंगे।

Courtesy:http://www.thirdeyeworldnews.com/

Comment: