इंग्लैंड के किंग जॉर्ज पंचम की जगह लगेगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा

इस साल 23 जनवरी को देश में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाई गई है। भारतीय स्वाधीनता संग्राम के महानायक को यथोचित श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार विशेष घोषणा की, जिसके अनुसार इंग्लैंड के किंग जॉर्ज पंचम की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाए जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस निर्णय की समूचे राष्ट्र ने प्रशंसा की है।
उल्लेखनीय है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के कारण ही अंग्रेजों को भारत से भागना पड़ा था। जब उन्होंने ब्रिटिश भारत पर हिटलर की सहायता से चौतरफा आक्रमण कर भारतीय सेना को अपने पक्ष में कर लिया था । जब अंग्रेजों ने देखा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की वीरता और क्रांतिकारी भावना से प्रेरित होकर आजाद हिंद फौज के साथ भारत की सेना भी जाकर सम्मिलित होने लगी है तो उनके पांव उखड़ गए थे और उन्हें मजबूर होकर भारत को एक दिन छोड़ना पड़ा।
आजादी के 18 वर्ष पश्चात जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लार्ड एटली भारत आए तो उन्होंने इस तथ्य को स्वीकार किया था कि वह भारत को छोड़ने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के कारण ही मजबूर हुए थे। अब अपने इस क्रांति नायक को इंडिया गेट के वार मैमोरियल पर प्रतिमा के रूप में स्थापित होते देखकर समूचा राष्ट्र  भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। इस कार्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार बधाई की पात्र है कि उन्होंने अपने क्रांति नायक को शहीद स्थान और सम्मान प्रदान किया है। इस अवसर पर कांग्रेस के राहुल गांधी को अपने पूर्वजों द्वारा नेताजी की उपेक्षा किए जाने के पाप का प्रायश्चित करना चाहिए और प्रधानमंत्री मोदी के इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करते हुए श्रद्धा के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के समक्ष नतमस्तक होना चाहिए।
   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि जब तक प्रतिमा तैयार नहीं हो जाती, तब तक सुभाष चंद्र बोस या नेताजी का होलोग्राम उस स्थान पर लगाया जाएगा।
नेताजी की प्रतिमा 28 फीट 6 फीट की होगी. साथ ही यह प्रतिमा उस स्थान पर स्थापित की जाएगी जहां कभी इंग्लैंड के किंग जॉर्ज पंचम की मूर्ति थी। किंग जॉर्ज की प्रतिमा को 1968 में यहां से हटाकर दूसरी जगह लगा दिया गया था और अब इस खास जगह पर नेताजी की मूर्ति लगाई जाएगी।
प्रतिमा बनाने का काम नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक अद्वैत गडनायक को सौंपा गया है। गडनायक का कहना है कि उनके लिए यह गौरव की बात है। नेताजी की प्रतिमा को ग्रेनाइट पत्थर से बनाया जाएगा और यह जेड ब्लैक कलर में होगा।
    प्रतिमा बनाने के लिए यह पत्थर तेलंगाना से लाया जाएगा। यह प्रतिमा रायसीना हिल से आसानी से नजर आएगी।
प्रतिमा का डिजायन संस्कृति मंत्रालय ने तैयार किया है। गडनायक का कहना है कि प्रधानमंत्री की घोषणा के साथ ही प्रतिमा बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह प्रतिमा नेताजी के मजबूत किरदार का दर्शन कराएगी।
  क्रांति महानायक को शत-शत प्रणाम।

डॉ राकेश कुमार आर्य

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