वैदिक मंत्रों की शिक्षा में उपयोगिता

उगता भारत ब्यूरो

वैदिक मंत्रों का जाप करने से छात्रों को पढ़ाई से होने वाले तनावों से निपटने और परीक्षा में बेहतर अंक मिलने में मदद मिलती है। बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (BITS) पिलानी के हैदराबाद कैम्पस की एक रिसर्च में यह दावा किया गया है। इतना ही नहीं, वैदिक मंत्रों के जाप से छात्र मनोवैज्ञानिक और शारीरिक तौर पर बेहतर होते हैं और उन्हें एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
शोध में हिस्सा ले रहे छात्रों ने 5 मंत्रों का उच्चारण किया। जिनमें गायत्री मंत्र (ऋगवेद से), विष्णु सहस्रनामम (भगवान विष्णु के एक हजार नाम), ललिता सहस्रनामम (माता के हजार नाम), पुरुष सुक्तम (ब्रह्मांड से जुड़ा मंत्र, ऋग्वेद से), आदित्य हृदयम (सूर्य देव की स्तुति) शामिल रहे। मंत्रोच्चारण के बाद छात्रों की सामान्य खुशहाली और बुद्धि की स्पष्टता में बेहतरी दर्ज की गई।
बिट्स पिलानी, हैदराबाद कैम्पस में सोशल साइंस और ह्यूमैनिटी विभाग की डॉ. अरुणा लोला ने कहा, ‘हमने इस शोध के पहले और बाद में मनोवैज्ञानिक टेस्ट किया गया। इसमें विषयों को लेकर दिमागी स्पष्टता और सामान्य खुशहाली में बढ़ोतरी देखी गई। मंत्रोच्चारण एक शक्तिशाली आवाज या वाइब्रेशन है, जिसकी मदद से कोई भी अपने दिमाग को स्थिर रख सकता है। ओम के उच्चारण से तनाव से राहत मिलती है और याददाश्त भी बढ़ती है।’ यह शोध धर्म और स्वास्थ्य के नए अंक में प्रकाशित हुआ है।
डॉक्टर लोला ने बताया, ‘यह शोध मंत्र के प्रयोग और इंसानी दिमाग पर इसके प्रभाव के साथ ही इसके पीछे के आध्यात्मिक विज्ञान को जानने के मकसद से किया गया।’
साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से

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