माता सत्यवती आर्या की 97 वी जयंती : चल रहा है तीन दिवसीय सामवेद पारायण यज्ञ

ग्रेटर नोएडा । ( विशेष संवाददाता)  ‘उगता भारत’ समाचार पत्र परिवार की ओर से माता सत्यवती आर्या जी  की 97 वीं जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय सामवेद पारायणयज्ञ का आयोजन किया गया है।  जिसके ब्रह्मा आर्य जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान आचार्य विद्या देव जी और अध्यक्ष देव मुनि जी हैं।
   8 अक्टूबर के प्रथम सत्र में अपने संबोधन और मार्गदर्शन में आचार्य विद्यादेव जी ने कहा कि सामवेद के अधिकांश मंत्र ऋग्वेद से लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जब साम अर्थात गायन के माध्यम से इन मंत्रों को प्रस्तुत किया जाता है तो यह सामवेद के मंत्र हो जाते हैं और जब इन्हें ऋग्वेद की शैली में उच्चारित किया जाता है तो यह ऋग्वेद के मंत्र कहलाते हैं।
   उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में माता को निर्माता के रूप में माना जाता है। सृष्टि का सबसे सुंदर शब्द मां है । आचार्य श्री ने कहा कि यज्ञ के माध्यम से प्राणी जगत का उद्धार होता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सदगृहस्थी को अपने घर में बलिवैश्वदेव  यज्ञ अवश्य करना चाहिए । जिससे सूक्ष्म जीव जंतुओं को भी भोजन प्राप्त होता है। उन्होंने यज्ञ की महिमा पर  प्रकाश डालते हुए कहा कि यज्ञ सृष्टि का सबसे उत्तम कर्म है।
   द्वितीय सत्र में अपने विचार प्रकट करते हुए आचार्य श्री ने  ॐ आपो ज्योती रसोऽमृतं ब्रह्म भूर्भुवः स्वरोम् ॥ मन्त्र के एक-एक शब्द की विद्वत्ता पूर्ण व्याख्या कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मन्त्र में प्रत्येक शब्द ईश्वर  का पर्यायवाची है। जिनकी विशद और गहन व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि ऋषि दयानंद ने तैत्तिरीय उपनिषद के इस मंत्र को प्रत्येक गृहस्थी के लिए किए जाने वाले यज्ञ में विशेष रुप से सम्मिलित किया।
    यज्ञ के कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे देव मुनि जी ने इस अवसर पर यज्ञ की व्याख्या करते हुए लोगों का मार्गदर्शन किया और प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर में पांच यज्ञों को करते रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद की शिक्षाएं अपनाने से ही राष्ट्र का कल्याण हो सकता है। उन्होंने कहा कि माता के दिए संस्कार जीवन भर काम आते हैं । अपने अध्यक्षीय संबोधन में देव मुनि जी ने गर्भाधान संस्कार पर विशेष बल देते हुए कहा कि यदि इस संस्कार के प्रति युवा पीढ़ी सजग और सावधान हो जाए तो देश का कल्याण हो सकता है । उन्होंने कहा कि प्रत्येक गर्भवती महिला को अपनी जीवन चर्या और दिनचर्या पर विशेष ध्यान देना चाहिए । जिससे उसके गर्भ में पल रहे शिशु पर अच्छे संस्कार अंकित हो सके।
कार्यक्रम का सफल संचालन आर्य सागर खारी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित रहे सभी धर्म प्रेमी सज्जनों का आभार व्यक्त करते हुए :उगता भारत’ समाचार पत्र के चेयरमैन देवेंद्र सिंह आर्य ने माता सत्यवती आर्या जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने हमें जिस प्रकार के संस्कार दिए वह हमें आज तक काम आ रहे हैं । उन्होंने कहा कि सचमुच हमारी माता ने निर्माता का काम किया। जिसके प्रति हम सभी हृदय से ऋणी अनुभव करते हैं।
   प्रथम व द्वितीय सत्र में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे चौधरी गजराज सिंह यादव, विनोद हवलदार, किशन लाल आर्य, दिवाकर आर्य, गजेंद्र आर्य, सूबेदार जतन सिंह, प्रेम चंद्र आर्य , ज्ञानेंद्र एडवोकेट आदि सहित अनेकों गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर अग्रपूजा के रूप में आचार्य विद्या देव जी को ‘उगता भारत’ के संरक्षक मेजर वीर सिंह आर्य द्वारा सम्मानित किया गया । जबकि अध्यक्षता कर रहे  देवमुनि जी का स्वागत पत्र के चेयरमैन द्वारा किया गया।
पत्र परिवार के संपादक मंडल के वरिष्ठ सदस्य और पीडब्ल्यूडी विभाग उत्तर प्रदेश से प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए श्री चाहत राम  द्वारा चौधरी गजराज सिंह यादव का सम्मान किया गया। इस अवसर पर गांव महावड़  के प्रधान मनमोहन सिंह और उनके साथियों ने भी उपस्थिति दी।

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