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लिनक्स रजत जयंती वर्ष में लाइनस टोरवाल्ड्स की जैजै

पिछली पच्चीस अगस्त को लिनक्स पच्चीसवें साल में प्रवेश कर गया। अगला एक साल लिनक्स के लिए रजत जयंती वर्ष है। लिनक्स यानी विंडोज़ और एंड्रोइड जैसा ही एक ऑपरेटिंग सिस्टम, जो आम लोगों के बीच तो ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो सका, लेकिन कंपनियों और सरकारों के संवेदनशील तथा सुरक्षित कामकाज के लिए खूब इस्तेमाल होता है। अहम बात यह है कि जहाँ विंडोज़ और ऐपल मैक ऑपरेटिंग सिस्टम को खऱीदना पड़ता है, वहीं लिनक्स एक फ्री (नि:शुल्क) ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसका विकास लाइनस टोरवाल्ड्स ने किया था जिन्होंने 24 साल पहले 1991 में यूनिक्स पर आधारित लिनक्स कर्नेल का विकास किया। भारत जैसे बाजारों में, जहाँ लोग कंप्यूटर इस्तेमाल तो करना चाहते हैं लेकिन क्रय-शक्ति कम है, लिनक्स जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम की उपयोगिता बहुत अधिक है। लेकिन प्रचार के अभाव में कहें या कामकाजी सरलता के अभाव में, लिनक्स को भारत के कंप्यूटर बाजार की मुख्यधारा में स्थापित होने में समय लगेगा। इसके कई फ्लेवर उपलब्ध हैं, जैसे- रेड हैट, एसयूएसई, उबन्तु, बॉस आदि।

आप जानते हैं कि विकीपीडिया पर कोई भी व्यक्ति कोई भी सामग्री डाल सकता है और कोई भी उसे संपादित कर सकता है। क्राउडसोर्सिंग का यह ऐसा मॉडल है जिसमें इसके दुरुपयोग को रोकने की क्षमता अंतर्निहित है। विकीपीडिया ने अनेक लोगों को संपादक का दर्जा भी दिया हुआ है, जिनके पास दूसरों की तुलना में ज्यादा अधिकार हैं और जो अन्य लोगों की डाली सामग्री को रखने, हटाने या संपादित करने का फैसला करते हैं। इस बीच विकीपीडिया फाउंडेशन को जानकारी मिली कि बहुत से संपादक कंपनियों या लोगों को फायदा पहुँचाने के लिए प्रचारात्मक लेख डालने में लगे हैं और उसके बदले में पैसा बना रहे हैं। इसे ब्लैक हैट एडीटिंग कहा जाता है। बहुत से कारोबारियों और सेलिब्रिटीज को लेख हटाने की धमकियाँ भी दी जाती रही हैं। अप्रैल से अगस्त तक विकीपीडिया ने इस तरह की शिकायतों की जाँच करवाई और 381 संपादकों को दोषी मानते हुए हटा दिया।

क्या आप जानते हैं कि दुनिया में मोबाइल गैजेट्स की संख्या विश्व की जनसंख्या का आंकड़ा पार कर गई है? जी हाँ, इस साल विश्व में मोबाइल गैजेट्स की संख्या पूरे 7.5 अरब हो गई है जबकि विश्व आबादी सिर्फ 7.2 अरब ही है। यह स्थिति तब है जब मोटे तौर पर दुनिया की एक तिहाई आबादी मोबाइल फोन, टैबलेट आदि से वंचित है। यानी बड़ी संख्या में लोग दो या उससे अधिक गैजेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी संख्या इंसानों की संख्या की तुलना में पाँच गुना तेजी से बढ़ रही है। अनुमान लगाया गया है कि सन् 2020 तक दुनिया में 9 अरब मोबाइल गैजेट्स हो जाएंगे।

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