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आतंकवाद

रोजा सेहरी के नाम पर ‘पुलिसवाली’ ने ही आतंकियों को नहीं खोजने दिया, लगा यूएपीए

 

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले की एक विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) को ‘आतंकवाद का महिमामंडन करने’ और सरकारी अधिकारियों को उनके कर्तव्य का निर्वहन करने से ‘रोकने’ के आरोप में गिरफ्तार कर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। महिला पुलिसकर्मी पर UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

वैसे यह कोई हैरान करने वाली खबर नहीं, क्योकि जिस समय वहां पुलिस और आर्मी में भर्ती होने के लिए लग रही भीड़ को देख जो शंका व्यक्त की जा रही थी, वही अब शायद चरितार्थ भी होने लगी है।

पुलिस प्रवक्ता ने अप्रैल 16, 2021 को बताया कि दक्षिण कश्मीर जिले में फ्रिसल इलाके की निवासी सायमा अख्तर को अवैध गतिविधि रोकथाम कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों को फ्रिसल गाँव के कारेवा मोहल्ले में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद वहाँ तलाशी अभियान चलाया गया। प्रवक्ता ने बताया कि अभियान के दौरान अख्तर ने आतंकवादियों को खोज रही टीम को अपना काम करने से रोका।

उन्होंने बताया कि जैसे ही सुरक्षाबलों ने तलाशी लेने के लिए कुछ घरो में जाने की कोशिश की तो वहाँ कुछ महिलाओं ने शोर मचाना शुरू कर दिया और पुलिस को अपना काम करने से रोका। इन महिलाओं की अगुवाई साइमा अख्तर नाम की एक महिला कर रही थीं, जो खुद जम्मू कश्मीर पुलिस में SPO के तौर पर काम कर रही थीं।

पुलिस के अनुसार साइमा के उकसावे पर भीड़ उग्र हो गई और पुलिस को अपना ऑपरेशन बीच में ही रोकना पड़ा। इसके चलते इलाके से कुछ संदिग्ध शायद भागने में कामयाब भी हुए। लेकिन घटना यहाँ ख़त्म नहीं हुई।

उन्होंने कहा, “महिला ने तलाश अभियान चला रहे दल को रोका और वह हिंसक हो गई। महिला ने आतंकवादियों के हिंसक कृत्यों का महिमामंडन करने वाले बयान भी दिए।” प्रवक्ता ने बताया कि सायमा अख्तर ने अपने फोन से एक वीडियो बनाया और ‘तलाशी अभियान बाधित करने के इरादे से’ उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया। उन्होंने बताया कि मामले को संज्ञान में लेते हुए महिला को गिरफ्तार कर लिया गया और सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

वीडियो वायरल 

आरोपित द्वारा बनाए गए वीडियो में दिख रहा है एक महिला सैन्यकर्मी पर चिल्ला रही थी। उसका कहना था कि कम से कम रमजान के दौरान तो सुरक्षाकर्मी छानबीन ना करें। महिला द्वारा सैन्य कर्मियों को वीडियो में ‘बाहरी’ बुलाया जाना सुना जा सकता है।

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार वीडियो में  महिला ने कहा- “तुम बार-बार क्यों आते हो? उन घरों में जाओ, जहाँ आतंकवादी हैं। आप हमें हमारी सेहरी (रमज़ान के दौरान सुबह का भोजन) भी नहीं करने दे रहे हैं। यदि आपको हमारे घर की तलाशी लेनी है, तो पहले अपने जूते निकालें। मेरी माँ की तबीयत ठीक नहीं है। अगर उसके साथ कुछ होता है, तो आप देखभाल करेंगे।”

वीडियो में देखा जा सकता है महिला के रोकने पर सैन्य कर्मी चिल्लाया। इस पर महिला ने कहा कि वे उसे डरा नहीं सकते। उसने कहा, “अपना मुँह बंद करें। हम डरने वाले नहीं हैं। यह हमारा कश्मीर है। आप बाहर से आए हैं। जो कुछ भी आप करना चाहते हैं, वह करें, अगर वे (आतंकवादी) यहाँ होते तो अब तक आपके सीने में गोलियाँ उतार चुके होते।”

पुलिस ने बताया कि इस मामले में पुलिस थाना यारीपोरा में भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवक को कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए बल प्रयोग या हमला करना) और अवैध गतिविधि रोकथाम कानून की धारा 13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा मामले की जाँच जारी है। जानकारी के मुताबिक साइमा को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है और मामले में शामिल बाकी लोगों की पहचान कर गिरफ्तारी की तैयारी भी की जा रही है।

‘नए कश्मीर’ ने महिलाओं को भी नहीं बक्शा–मुफ़्ती महबूबा 

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आतंकवाद का महिमामंडन करने के कारण महिला एसपीओ को गिरफ्तार किए जाने के मामले में कहा कि ‘नए कश्मीर में जुल्मों से महिलाओं को भी नहीं बख्शा’ जा रहा है।

मुफ्ती ने बयान में कहा, “सायमा अख्तर को उसके घर में बार-बार अकारण तलाशी लिए जाने के कारण उचित प्रश्न उठाने पर यूएपीए के तहत आरोपित बनाया गया। यह समझा जा सकता है कि सायमा की माँ के बीमार होने के कारण उसकी चिंता और बढ़ गई। नए कश्मीर में क्रूरता से महिलाओं को भी नहीं बख्शा जा रहा।”

दक्षिण कश्मीर में इस समय सुरक्षा बलों का अभियान चरम पर है और अमरनाथ यात्रा को देखते हुए यहाँ आए दिन आतंकियों को तलाश किया जा रहा है। ऐसे में इस तरह के विरोध प्रदर्शनों से इन अभियानों पर असर पड़ सकता है। इसलिए पुलिस ने अपनी ही एक कर्मी के खिलाफ इतना सख्त फैसला लिया।

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