किसान आंदोलन से निपटने के लिए सरकार ने बुलाई सेना, लगा दिए जैमर

व्हाट्सप्प पर वायरल हो रहे मैसेज

 

दिल्ली में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ के बीच तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही है। इसमें मीडिया भी पीछे नहीं है। ‘न्यूज़ नेशन टीवी’ ने अपनी एक खबर में दावा किया कि दिल्ली की सिंघु सीमा पर ‘किसान आंदोलन’ को देखते हुए जैमर लगाए गए हैं, ताकि नेटवर्क को बाधित किया जा सके। इसी तरह व्हाट्सप्प पर फैलाया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने किसानों से निपटने के लिए सेना बुला ली है। 

व्हाट्सप्प पर वायरल हो रहे एक मैसेज में लिखा है, “आज रात दिल्ली में देश की सेना प्रवेश कर रही है। दो वीडियो गाजियाबाद टोल की है, दो वीडियो टोल के बाद की है। भीम सेना के चीफ नवाब सतपाल तँवर ने ये वीडियो खुद रिकॉर्ड किया है। किसान आंदोलन को कुचलने के लिए मोदी सरकार ने देश की सेना को बुला लिया है। शेयर कर दे पूरे देश को इसकी सूचना दें।” मैसेज के साथ ही एक वीडियो भी सर्कुलेट हो रहा है।

वहीं एक अख़बार की खबर में बताया गया कि सोशल मीडिया पर ‘किसान आंदोलन’ से जुड़ी खबरें वायरल न होने पाएँ, इसीलिए जगह-जगह पर जैमर लगा दिया गया है। दावा किया गया कि लोग सिंघु सीमा से वीडियो लेकर सोशल मीडिया पर न डाल पाएँ, इसीलिए ऐसा किया गया। हालाँकि, इन दावों का सच कुछ और ही है। PIB ने अपने फैक्ट-चेक में इन दावों की पोल खोली और इन्हें झूठा बताया है।

 

PIB के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए, सेना को बुलाया गया है। एजेंसी ने कहा कि यह दावा फर्जी है। यह सैनिकों की नियमित आवाजाही का एक वीडियो है और किसान प्रदर्शन के साथ इसका कोई भी सम्बन्ध दुर्भावनापूर्ण और गलत है। जैमर वाले दावे को फर्जी बताते हुए PIB ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है।उधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के शीर्ष सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की। इनमें सुरक्षा विभाग और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि दिल्ली में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ के हिंसक होने की आशंका है। ऐसे में केंद्र सरकार पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखते हुए अधिकारियों को सतर्क रखना चाहती है। किसी भी प्रकार की हिंसा की वारदात को टालने की योजना बनाई जा रही है।

इंडिया फर्स्ट से साभार

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