अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत के बढ़ते कदम….-2

रोहिणी आर.एस.डी.-2 भारतीय वैज्ञानिकों ने पूरी तरह भारत में निर्मित उपग्रह प्रक्षेपण वाहन एसएलवी-3 के द्वारा रोहिणी उपग्रह आरएसडी-2 को 31 मई 1981 को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया और यह कक्षा में स्थापित हो गया, किंतु तकनीकी खराबियों के कारण 9 जून 1981 को जलकर नष्टï हो गया। इसका वजन 38 किलोग्राम था।
एप्पल-भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रथम तीन अक्षीय भू-समसामयिक प्रयोगात्मक के क्षेत्र में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रथम तीन अक्षीय भू समसामयिक प्रयोगात्मक संचार उपग्रह एप्पल को छोड़ा जाना था। यह उपग्रह फंरास के कोरू अंतरिक्ष केन्द्र से 19 जून 1981 को अंतरिक्ष में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के विकासशील प्रक्षेपण रॉकेट एरियान से प्रक्षेपित किया गया और 16 जुलाई 1981 को उसे भारतीय वैज्ञानिकों ने 102 अंश पूर्वी देशांतर पर स्थित अंतरिक्ष गृह में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
ए.एस.एल.वी-24 मार्च, 1987 को भारत का एएसएलवी का प्रक्षेपण असफल रहा।
आई.आर.एस 1ए-980 किलोग्राम के इस सुदूर संवेदन उपग्रह का प्रक्षेपण सोवियत संघ द्वारा बैकानूर अंतरिक्ष केन्द्र से 17 मार्च 1988 को किया गया।
आई.आर.एस-1बी-904 किलोग्राम के सुदूर संवेदी उपग्रह का प्रक्षेपण सोवियत संघ के बैकानूर अंतरिक्ष केन्द्र से 29 अगस्त, 1991 को किया गया।
इन्सेट-1एimages (2)-10 अप्रैल, 1982 को भारत का बहुउद्देशीय उपग्रह इंसेट-1ए जो अमरीका के केपकेनेवरल अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया था वह छह सितंबर 1982 को ईंधन की कमी के कारण अंतरिक्ष में ही समाप्त हो गया।

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