अंतरराष्ट्रीय बाजार में जबरदस्त मांग है गधी के दूध की

*गधी का दूध*

लेख शीर्षक देख पढ़कर ही अधिकांश महानुभावों के मन में विनोद जागृत हो जाएगा| साधारण घास फूस खाकर अपने मालिक के लिए हाड़ तोड़ मेहनत करने वाला स्वामी भक्त जंतु गधा इंसानों में मूर्खता व्यंग का ही प्रतीक बना हुआ है….. हम उसे सबसे बड़ा मूर्ख मानते हैं जो गधे जैसे बुद्धिमान जंतु की उपमा मूर्खता को लेकर देता है… अब गधे संस्कृत में जिसे गर्दभ कहते हैं उसके ऊपर लगे बेवजह निराधार मूर्खता के ठप्पे को तो हम हटा नहीं सकते क्योंकि दुनिया में असंख्य गधे है किस किस गधे को समझाएंगे…..😊|

लेख के शीर्षक में गधी शब्द है तो हम गधी की ही बात करेंगे विशेष तौर पर गधी के दूध की…………………|

गधी के दूध की भारत सहित इंटरनेशनल मार्केट में डेरी, कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में जबरदस्त डिमांड है| जबरदस्त मांग है तो दाम भी जबरदस्त ही है…. भारत सहित दुनिया के बाजार में गधे के दूध की कीमत 5000 से लेकर 30000 ₹ तक है| मांग है तो कुछ दूध में खासियत भी होगी गधी का दूध में जबरदस्त मेडिसिनल प्रॉपर्टी होती है…..| नवजात बच्चों में होने वाले पाचन संबंधी रोग, गर्भ से कमजोर बच्चे , एलर्जी स्किन में गधी का दूध रामबाण है| cancer obesity Psoriasis Eczema जैसी आधुनिकता की देन जटिल व्याधियों में गधी का दूध अत्यंत लाभदायक है| गधी का दूध हाइपोएलर्जीक होता है इससे किसी भी प्राणी को फूड एलर्जी नहीं हो सकती| गधी के दूध में गाय भैंस के दूध की अपेक्षा कम फैट होता है लेकिन विटामिन सी सहित अन्य जरूरी तत्व कुछ अधिक होते हैं……| शरीर के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए का दूध बहुत ही गुणकारी है… चेहरे पर पड़ने वाली काली झाइयों स्क्रीन के ढीले होने में इसकी रोकथाम में गधी के दूध का जबरदस्त लाभ है | साबुन skin lotion फेस वॉश शैंपू जैसे प्रोडक्ट गधी के दूध से बन रहे है| गधी के दूध से बनी हुई 100 ग्राम साबुन की कीमत ₹500 तक है यह तो न्यूनतम दाम है |

इजिप्ट , रोम की सभ्यता में गधी के दूध से स्नान के अनेक मामले मिलते हैं…. इजिप्ट की राजकुमारी क्लियोपैट्रा प्रतिदिन दो बार गधी के दूध में स्नान करती थी 500 से लेकर 700 गधी का दूध इस्तेमाल में लाया जाता था |

मॉडर्न मेडिसिन एलोपैथिक का फादर हिप्पोक्रेट्स गधी के दूध की मुक्त कंठ से प्रशंसा करता था वही हिप्पोक्रेट्स जिसकी शपथ प्रत्येक एमबीबीएस का छात्र अपने फाइनल ईयर में लेता है… इंटर्नशिप के दौरान |

दरअसल गधी गाय, भैंस के अपेक्षा यहां तक कि बकरी भेड़ की अपेक्षा बहुत कम दूध देती है गधी प्रतिदिन 300ml से लेकर मुश्किल से 1हजार mlअर्थात 1 लीटर तक दूध देती है| नेशनल मेयर रिसर्च इंस्टीट्यूट हिसार गधी के दूध पर शोध कर रहा है…. मोटो कमाने वाले नौजवान इंजीनियर नौकरी छोड़कर गधी के दूध का स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं | business Guru दिन रात गला फाड रहे हैं| गुजरात राज्य की हलारी गधा प्रजाति का दूध तो बहुत ही उत्तम माना जाता है इस प्रजाति के गधे गधी का रंग उजला सफेद होता है….| 100ml, ₹700 तक सेल होता है |

अब यह मत पूछना कौन खरीद रहा है? भारत माफ कीजिए इंडिया में ऐसा अभिजात्य वर्ग पैदा हो गया है देह को संवारने सजाने, बुढ़ापे से बचने के लिए कुछ भी कर सकता है… चाहे कितना ही पैसा पानी की तरह बहाना पड़े | ऋषि मुनियों के देश में देहि ( आत्मा) संवारा जाता था कभी अब अधिकांश जन नाशवान परिणामी देह को सवारना चाहते हैं |

*आर्य सागर खारी*✍✍✍

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