उत्कृष्ट प्रतिभा के धनी हैं नेपाल सिंह कसाना

डॉ. सी0पी0 सिंह कसाना ग्रेनो*”जननी जने तो भक्तजन या दाता या शूर” “नहीं तो जननी बांज भली काहे गवाया नूर” वाली सूक्ति को चरितार्थ करते हुए —!!!भामाशाह महा दानी, दानवीर कर्ण की उपाधि से सुशोभित ,कर्म योद्धा, शिक्षाविद ,संघर्षशील, सहनशीलता की मिसाल, उत्कृष्ट प्रतिभा के धनी—!!!! युगपुरुष ,लोहपुरुष ,गुर्जर रतन ,जैसी उपाधियां भी जिनके आगे छोटी पड़ जाती हैं—!!! जो प्रकृति में सौंदर्य का एहसास कराने वाली महान प्रतिभा है —!!!उसी व्यक्तित्व का नाम है —!!”आदरणीय पूजनीय नेपाल सिंह कसाना”—!! नेपाल सिंह कसाना के गुण, कर्म, स्वभाव की अगर व्याख्या की जाए तो—!!! एक रामायण जैसी पुस्तक तैयार हो सकती है —!!!मैंने इस बहुत टाइम नेपाल सिंह कसाना के अंतर्मन में झांक कर देखा है —!!!उनके अंदर समाज के शोषित ,पीड़ित वर्ग के लिए बड़ी सहानुभूति देखने को मिलती है —!!!गुर्जर समाज में गुर्जरों को मुख्यधारा में लाने के लिए –!!गुर्जर समाज के बच्चों को प्रतिभावा न बनाने के लिए तथा उन्हें प्रेरणा देकर उच्च शिक्षा ग्रहण कराने के लिए —!!तथा छोटे छोटे उद्योगों में आगे बढ़ाने के लिए —!!! गुर्जर समाज के सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए नेपाल सिंह कसाना ने असम फ्लोर सभाएं मीटिंग वे जनसंपर्क करके समाज को बहुत आगे बढ़ाने के लिए बहुत अथक प्रयास किया है –!!और वह प्रयास आज भी जारी है –!!शिक्षा के क्षेत्र में इन्होंने अनेकों अनेक कॉलेज ,धर्मशालाएं, छात्रावासों का निर्माण कराकर एक आयाम स्थापित किया है–!!! नेपाल सिंह कसाना वह प्रतिभा है जो–!! इतिहास के पन्नों पर अपनी कार्यशैली की अमिट छाप छोड़ कर समाज को बताते हैं —!!!कि हम इस युग में इस देश में मनुष्य के रूप में समाजसेवी बनकर समाज की सेवा करने के लिए आए हैं –!!!बहुत सारे मंचों पर मैंने नेपाल कसाना को देखा उनकी वाणी ने लोगों के दिल को छूने का प्रयास किया है –!!!आज भारत भर में “कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी” तक उनके नाम और कार्यशैली का डंका बजा हुआ है—!!! कई करोड़ युवाओं के दिलों की धड़कन बन चुके हैं वह—!!!उन्हें लोग देवता की तरह देखते हैं–!!! तथा उनकी पूजा करते हैं–!!! नेपाल कसाना का जिक्र आते ही समाज सेवा करने वालों की लाइन में मुख्य रूप से नेपाल कसाना का नाम सुखद अहसास कराता है –!!!यह समाज ऐसी प्रतिभाओं का ऋण भी चुकता करता है–!! क्योंकि यह समाज गुर्जर समाज है –!!!बहादुर समाज है—!! शरणागत की रक्षा करने वाला समाज है –!!!दयावान समाज है –!!!सम्मान करने वाला समाज है–!! यह अच्छे लोगों को पलकों पर बिठा लेता है –!!!लेकिन खराब लोगों को ऊपर से पटक देता है –!!नेपाल सिंह कसाना की कृतियों को हमारी पीढ़ियां पढ़कर संतोष का अनुभव किया करेंगी तथा कहेंगे कि हमारे बुजुर्ग हमारे लिए बहुत अच्छे-अच्छे संसाधन पैदा करके गए –!!!ऐसी बहुत सारे लोगों की धारणा है –!!!हे कर्म योगी ,हे युगपुरुष ,हे पीड़ित शोषितओके मसीहा, हे दयालु, हे दानवीर धन्य है–!! उस मां को जिसने तुम्हें पैदा किया है–!! हम तुम्हारी उत्कृष्ट कार्यशैली तथा सेवा भाव की सराहना करते हुए–!! आपके लिए शुभकामनाएं, मंगलकामनाएं, “प्रेषित करते हैं” तथा भगवान से प्रार्थना करते हैं –!!!कि आपको लंबी आयु दे –!!अच्छा स्वास्थ्य दे–!! तथा और अधिक धन ध्यान दें — अपार शक्ति दे!!ताकि आप समाज के गरीब पीड़ित शोषित लोगों की सेवा इसी तरह से करते रहें–!! हमारी तरफ से हम आपको शुभकामनाएं देते हैं–!! आप अपने परिवार सहित, मित्रों सहित, संबंधियों सहित ,खुश रहें ,प्रसन्न रहें, आगे बढ़े, तरक्की करें, तथा एक बार फिर आपकी कार्यशैली आपकी समाज सेवा की सराहना करते हुए आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं—!!! बहुत-बहुत मंगलकामनाएं–!! बहुत-बहुत शुभकामनाएं –!!!बहुत-बहुत मंगलकामनाएं —!!आपका अपना ही “स्वामी सत्यदेव महाराज” अध्यक्ष / पीठाधीश्वर -श्री देवनारायण पीठ (रजि )भारतवर्ष राष्ट्रीय महासचिव -देशभक्त महासभा रजिस्टर्ड (भारतवर्ष )राष्ट्रीय प्रवक्ता -संत सुरक्षा मिशन (भारत वर्ष )राष्ट्रीय सलाहकार- अखिल भारतीय देवसेना (भारतवर्ष) राष्ट्रीय संरक्षक -हिंदू स्वराज्य सेना (भारतवर्ष*)

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