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‘पृथ्वी दिवस’ 22 अप्रैल पर विशेष : “पृथ्वी बचाओ” का अनूठा संदेश है चित्रकार ‘उदित’ की चित्रकारी में

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◆ पृथ्वी पर पर्यावरण संरक्षा का संदेश देते हैं वेस्ट प्लास्टिक से बनी आर्ट के माध्यम से
◆ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी सराहा है इस चित्रकार के उद्देश्य को
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राकेश छोकर / नई दिल्ली
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दुनिया भर में 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस (Earth Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को पर्यावरण प्रेमी पर्यावरण संरक्षण को समर्थन देने के लिए अपना अपना प्रयास करते हैं। इस मुहिम को सार्थकता प्रदान करते हुए प्रख्यात चित्रकार उदित नारायण बैंसला का प्रयास अपने आप में अनूठा , निराला महान संदेश से ओतप्रोत है। जिसे देश के प्रधानमंत्री भी सराहा चुके हैं।
बता दें कि पृथ्वी दिवस की शुरुआत अमेरिकी सीनेटर गेलोर्ड नेल्सन ने पर्यावरण शिक्षा के रूप में की थी। सबसे पहले इस दिन की शुरुआत सन् 1970 में हुई, जिसके बाद आज तक इस दिन को लगभग 195 से ज्यादा देश मनाने लगे हैं। हर साल इस दिन को मनाने के लिए एक विशेष थीम होती है। पृथ्वी दिवस 2020 के लिए थीम जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन मानवता के लिए भविष्य और जीवन समर्थन प्रणालियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, जो हमारी दुनिया को रहने योग्य बनाता है।आज भी पर्यावरण प्रेमी अपनी योग्यता और कोशिशों से पर्यावरण संरक्षण व जलवायु परिवर्तन के लिए विभिन्न तरिकों से लोगों को जागरूक कर रहे हैं। पर्यावरण प्रेमी जहरीला कूड़ा इधर उधर फेकने पर रोक लगाने, नदियों नालों व तलाबों में गंदा पानी डालने पर रोक लगाने, वेस्ट प्लास्टिक को जमीन, पानी व खेत खलिहानों से बचाने, जंगलों को न काटने जैसी आर्थिक गतिविधियों को रोकने के लिए लगातार प्रदर्शन व जागरूकता अभियान चलाए हुऐ हैं। जो जलवायु परिवर्तन में मुख्य भूमिका अदा करते हैं व पर्यावरण संकट को बढाने में सहायक हैं।
गाँव ऐतमादपुर फरीदाबाद हरियाणा के पर्यावरण प्रेमी चित्रकार उदित नारायण बैंसला भी हैं जो अपनी अनोखी व विशेष तकनीक से बनाई चित्रकारी से लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक कर रहे हैं। यह अपनी चित्रकारी में कोई भी रंग स्याही का इस्तेमाल नहीं करते हैं बल्कि ऐसी सामग्री इस्तेमाल करते हैं जो पर्यावरण, हवा, पानी व जमीन को बहुत ही प्रभावित कर रही है। वो है प्लास्टिक से निर्मित चीजें। उदित नारायण बैंसला अपनी चित्रकारी में वेस्ट प्लास्टिक, बिजली के रंग बिरंगे तार, प्लास्टिक मोल्डिंग टेप इत्यादि को लोसन से चिपका कर मनचाहा रूप दे देते हैं। इनकी हर चित्रकारी लोगों को जागरूक करती है पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करती है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, भूर्ण हत्या जैसी समस्याएं जो समाज को गलत दिशा में ले जा रहीं हैं। इनकी आर्ट में बखूबी दर्शाया गया है।

देश में कई जगह इनकी चित्रों कि प्रदर्शनी लग चुकी हैं। हाल ही में सरकार की तरफ से दिल्ली इण्डिया गेट पर लगी हुनर हाट प्रदर्शनी में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इनकी कला की बहुत प्रशंसा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की पोर्टरेट वेस्ट प्लास्टिक से बना कर उन्हें भेट भी की। उदित नारायण बैसला के अनुसार” हमें पृथ्वी दिवस पर इनकी विशेष तकनीक से बनाई चित्रकारी से सीख लेते हुए अपनी जननी धरती माँ के लिए 22 अप्रैल ही नहीं हर दिन को पृथ्वी दिवस के रूप में मनना चाहिए।”

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