सेबी लगाएगा ब्लैकबेरी मेसेंजर पर लगाम!

शेयर बाजार में सटोरिया गतिविधियों के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहीं ब्लैकबेरी मेसेंजर (बीबीएम) और व्हाट्सएप्प जैसी स्मार्टफोन मैसेजिंग सेवाएं अब सेबी के निशाने पर आ गई हैं। नई पीढ़ी की इन मोबाइल सेवाओं के खतरों से निपटने के लिए बाजार नियामक ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है

शेयर बाजार में होने वाले सौदों की जांच और निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सेबी ने सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों और सॉफ्टवेयरों की मदद लेना शुरू कर दिया है। इनकी मदद से नियामक ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किग वेबसाइट्स के दुरुपयोग की निगरानी कर रहा है। सेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीबीएम और व्हाट्सएप्प जैसी एप्लीकेशनों को लेकर सेबी की समस्या ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। इन माध्यमों के इस्तेमाल से फैलाई जाने वाली बाजार से संबंधित संवेदनशील सूचनाओं के खतरे को पहचान पाना काफी मुश्किल होता है। क्योंकि इनमें स्मार्टफोन के इंटरनेट सर्वरों का इस्तेमाल होता है और इन पर भेजे जाने वाले मैसेज बेहद जटिल रूप से कूटबद्ध (एनकोडेड) होते हैं। किसी भी तीसरे पक्ष के लिए इन्हें डिकोड कर पाना बहुत मुश्किल होता है।अधिकारी ने कहा कि ब्लॉग या सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये भेजी जाने वाली संदिग्ध सूचनाओं को पहचानना आसान होता है। नियामक के लिए इनके स्त्रोत का पता लगाना भी मुश्किल नहीं होता था लेकिन अब भेदिया कारोबार और सटोरिया गतिविधियों के लिए ज्यादातर बीबीएम और व्हाट्सएप्प का इस्तेमाल किया जा रहा है। मैसेजिंग की मुफ्त सुविधा उपलब्ध होने के कारण गड़बड़ी फैलाने वालों के लिए यह बेहद आकर्षक विकल्प साबित हो रहे हैं।

भेदिया कारोबार और गड़बडी के कई मामलों में सेबी की जांच में भी यह बात सामने आई है कि सूचनाएं भेजने के लिए इन मामलों में बीबीएम और व्हाट्सएप्प का इस्तेमाल किया गया। इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पिछले साल सेबी ने कुछ विशेषज्ञ आइटी पेशेवरों को यह काम सौंपा था।

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