आचार्य बालकृष्ण सर्दियों में रोजाना 50 ग्राम चना खाना शरीर के लिए बहुत लाभकारी होता है। आयुर्वेद मे माना गया है कि चना और चने की दाल दोनों के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है। चना खाने से अनेक रोगों की चिकित्सा हो जाती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स […]
श्रेणी: स्वास्थ्य
आचार्य बालकृष्ण गुड़ का सेवन अधिकांश लोग ठंड में ही करते हैं वह भी थोड़ी मात्रा में इस सोच के साथ की ज्यादा गुड़ खाने से नुकसान होता है। इसकी प्रवृति गर्म होती है, लेकिन ये एक गलतफहमी है गुड़ हर मौसम में खाया जा सकता है और पुराना गुड़ हमेशा औषधि के रूप में […]
प्रसिद्ध वैज्ञानिक और समाज सेवी राजीव भाई दीक्षित का कहना है की समुद्री नमक तो अपने आप में बहुत खतरनाक है लेकिन उसमे आयोडिन नमक मिलाकर उसे और जहरीला बना दिया जाता है ,आयोडिन की शरीर मे मे अधिक मात्र जाने से नपुंसकता जैसा गंभीर रोग हो जाना मामूली बात है। सैंधा नमक भारत में […]
आचार्य बालकृष्ण चीड़ का बहुत ऊँचा वृक्ष होता है | इसकी छाल में किसी औज़ार से क्षत करने पर एक प्रकार का चिकना गोंद निकलता है जिसे श्रीवास या गंधविरोजा कहते हैं | इसके वृक्ष से तारपीन का तेल भी निकाला जाता है | प्राचीन आयुर्वेदीय संहिताओं व निघण्टुओं में सरल नाम से चीड़ का […]
आचार्य बालकृष्ण आजकल की व्यस्त जीवनशैली में खान-पान में गड़बड़ी होना स्वाभाविक -सी बात है | लेकिन इस कारण से अल्सर जैसे रोग पाँव पसारते जा रहे हैं | इसमें पेट में जख़्म बन जाते हैं जिसे अल्सर कहते हैं | चाय , कॉफी ,शराब , अधिक खट्टे ,मसालेदार तथा गर्म वस्तुओं के सेवन से […]
लगातार तीन महीने तक करेले की सब्जी में घी में बनाकर खाने से डायबिटीज में आराम मिलता है। रात में मैथी के दाने भिगोकर रख दे। सुबह उठकर मैथी के दानों का पानी पीकर धीरे-धीरे मैथी चबा ले। डायबिटीज धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा। रात को काली किशमीश भिगोकर रख दे। सुबह उठकर उसका […]
आचार्य बालकृष्ण – आज कल सब्जियां उगाने की जगह और तरीका ऐसा होता है की सिर्फ्र उसकी मात्रा पर ध्यान जाता है। फिर वे नाले के पानी से सिंची जाए या उस पर ज़हर छिडका जाए इसकी कोई परवाह नहीं करता। ऑर्गेनिक सब्जियां महँगी होती है की आम आदमी उसे खरीद नहीं सकता। – देश […]
आजकल याददाश्त कमजोर होना एक आम बात है। भूलने की समस्या लगभग हर उम्र के लोगों में पाई जाती है। भूलने का मुख्य कारण एकाग्रता की कमी है।अधिकतर समस्या रिकाल करने में होती है क्योंकि हमारे दिमाग को रिकाल प्रोसेस के लिए जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है उनकी हमारे शरीर में कमी हो […]
(ये प्रयोग गदनिग्रह का है। गदनिग्रह आयुर्वेद का बहुत विश्वसनीय पुस्तक है ) सोंठ= 320 ग्राम देशी घी = 800 ग्राम (यदि गाय का घी मिले तो बहुत अच्छा) दूध = 5 लीटर(यदि गाय का हो तो अधिक अच्छा ) चीनी = 2 किलो (यदि चीनी के स्थान पर मिश्री ले तो अधिक गुणकारी होगा) […]
शरीर में अम्लता बढने से लवण जमा होने लगते है और जम कर पथरी बन जाते है . शुरुवात में कई दिनों तक मूत्र में जलन आदि होती है , जिस पर ध्यान ना देने से स्थिति बिगड़जाती है . धूप में व तेज गर्मी में काम करने से व घूमने से उष्ण प्रकृति के […]