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देश विदेश

ड्रैगन के शिकंजे में फसता नेपाल

योगेश कुमार गोयल दो नेपाली एजेंसियों द्वारा नेपाली जमीन हड़पने की खबरों के अलावा हाल ही में नेपाल के कृषि मंत्रालय के सर्वेक्षण विभाग की एक रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ है कि ड्रैगन सात सीमावर्ती जिलों में फैले कई स्थानों पर नेपाल की जमीनों पर कब्जा कर चुका है। चीन की विस्तारवादी नीतियों के […]

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नेपाल को समझ आने लगे हैं चीन के असली इरादे

चीन की गोदी में खेलकर भारत को आंखें दिखाने वाले नेपाल की अब लगता है आंखें खुल गई हैं। उसे यह अहसास हो गया है कि चीन किसी का सगा नहीं हो सकता ,उसके यहां से केवल दगा मिल सकती है । यही कारण है कि चीन के प्रधानमंत्री होली ने अब चीन को करारा […]

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देश विदेश महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

भारत की विदेश नीति और मानवतावाद

इतिहास और विदेश नीति का चोली – दामन का साथ है । किसी भी देश के पड़ोसी देशों से उसका पुराना सम्बन्ध होना स्वभाविक है। जहाँ तक भारत की विदेश नीति और इतिहास की बात है तो भारत के लगभग सभी पड़ोसी देश कभी न कभी भारत के ही अंग रहे हैं । इस दृष्टिकोण […]

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‘ कुण्डली ‘ के चलते ‘जो बिडेन’ हो सकते हैं अमेरिका के अगले राष्ट्रपति

अनीष व्यास जो बिडेन 20 नवंबर 1942 को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर पेंसिल्वेनिया में पैदा हुए हैं। कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि सितंबर 2006 से सितंबर 2022 के बीच अनुकूल बृहस्पति महादशा से गुजर रहे हैं। वे 2009 में बृहस्पति महादशा से उपराष्ट्रपति के तौर पर सत्ता में आए। अमेरिका में […]

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अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच युद्ध , कहीं विश्वयुद्ध की आहट तो नहीं ?

ललित गर्ग कोई बड़ी बात नहीं कि यह चिंगारी यूरोप के साथ समूची दुनिया को भी लपेट ले। विश्व के सबसे बड़े युद्ध क्षेत्र में हो रही यह लड़ाई चंद दिनों के अंदर विश्व युद्ध में तब्दील हो जाये तो कोई बड़ी बात नहीं है। इस क्षेत्र में इजराइल बहुत आक्रामक हो ही चुका है। […]

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इतिहास के पन्नों से देश विदेश हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

आज शास्त्री जयंती पर विशेष : जब सोवियत संघ के तत्कालीन प्रधानमंत्री अलेक्सी कोशिगिन ने कहा था हम बस नाम के कम्युनिस्ट है लेकिन शास्त्री सुपर कम्युनिस्ट है

‘Who After Nehru’ यानी, ‘नेहरू के बाद कौन?’ मई 27, 1964 को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अखबारों के पहले पन्नों पर यही प्रमुख शीर्षक था। 1964 में जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने भारत के प्रधानमंत्री का पद संभाला। जिस तरह […]

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श्रीलंका में सिंहलों और तमिलों का तनाव ,क्या भारत और श्रीलंका के बीच भी तनाव  पैदा कर सकता है

डॉ वेदप्रताप वैदिक महिंदा राजपक्षे के बड़े भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पहले से ही कह चुके हैं कि हमारी सरकार ‘‘विकेंद्रीकरण की बजाय विकास’’ पर ध्यान देगी। सत्तारुढ़ सिंहल-पार्टी की यह मजबूरी है, क्योंकि श्रीलंका के सवा दो करोड़ लोगों में 75 प्रतिशत सिंहली हैं। श्रीलंका और भारत के संबंधों में पिछले कुछ वर्षों […]

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क्या पाकिस्तान का विपक्ष अपनी ही फौज से लड़ पाएंगा

डॉ. वेदप्रताप वैदिक असली सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान के नेता लोग फौज से लड़ पाएंगे ? ज्यादा से ज्यादा यह हो सकता है कि फौज थोड़ी पीछे खिसक जाए। सामने दिखना बंद कर दे, जैसा कि 1971 के बाद हुआ था या जैसा कि कुछ हद तक आजकल चल रहा है। पाकिस्तान में […]

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कालापानी सहित कई भारतीय क्षेत्रों में नेपाल सरकार द्वारा कराई जाने वाली जनगणना के निर्णय के विरुद्ध उतरे सीमांत लोग

नेपाल चीन के इशारों पर जिस प्रकार भारत के लिए परेशानियां पैदा कर रहा है उससे वह बाज आने को तैयार नहीं है। हालांकि नेपाल की ओली सरकार की इस प्रकार की हरकतों का देश के लोगों और सेना में भी विरोध है , परंतु इन सबकी अनदेखी करते हुए ओली सरकार चीन के इशारों […]

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शुन्य उत्सर्जन की ओर बढ़ता राष्ट्रपति ट्रंप का अमेरिका

पिछले 4 वर्षों के दौरान डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के पर्यावरण संबंधी कई समझौतों से अलग होने के बावजूद अमेरिका इससे होने वाले नुकसान की सफलतापूर्वक भरपाई करने में कामयाब रहा है। ऐसा होने से अमेरिका के लिए वर्ष 2050 तक शून्य शुद्ध उत्सर्जन वाला देश बनने की संभावनाएं जिंदा हैं, बशर्ते वर्ष 2021 में जलवायु […]

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