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भारतीय संस्कृति

अब वह अनंत शक्ति मेरे साथ रहेगी

डॉ. साहब समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। उन्होंने भारत की वित्तीय सेवाओं में रहते हुए तो सेवा की ही है साथ ही अब भी सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेते हैं और जीवन के अंतिम पड़ाव में भी बड़ी तन्मयता से राष्ट्रसेवा का पुनीत कार्य कर रहे हैं।पिछले दिनों उनकी सहधर्मिणी […]

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अब वह अनंत शक्ति मेरे साथ रहेगी

डॉ. साहब समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। उन्होंने भारत की वित्तीय सेवाओं में रहते हुए तो सेवा की ही है साथ ही अब भी सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेते हैं और जीवन के अंतिम पड़ाव में भी बड़ी तन्मयता से राष्ट्रसेवा का पुनीत कार्य कर रहे हैं।पिछले दिनों उनकी सहधर्मिणी […]

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बढ़ती जा रही है डॉ. स्वामी की लोकप्रियता

हिन्दुओं और राष्ट्रवादियों के मानस पटल पर छा रहे हैं डॉ. सुब्रहमण्यम स्वामी। ये हिंदुत्व के नायक ऐसे ही नहीं बन गए हैं। भारत के शुद्ध हिंदुत्ववादी और धुर राष्ट्रवादी लोगो को बहुत दिनों से एक ऐसे व्यक्तित्व की तलाश थी जो ज्ञान और कर्म से भी अपनी क्षमता साबित कर सके और भारत को […]

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काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 39 गैंडों का शिकार

प्रमोद भार्गवविश्वविख्यात काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के एक सींग वाले गैंडों पर बंगलादेश से आए अवैध घुसपैठिए कहर ढा रहे हैं। यहां पिछले 10 महीने के भीतर 39 गैंडों को मार गिराने की घटनाएं सामने आई हैं। जाहिर है इस दुर्लभ वन्य प्राणी पर पहले से कहीं ज्यादा संकट के बादल गहरा गए हैं। उद्यानों के […]

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बाजार और मीडिया के बीच भारतीय भाषाएं

हिंदी और भारतीय भाषाओं को लेकर समाज में एक अजीब सा सन्नाटा है। संचार व मीडिया की भाषा पर कोई बात नहीं करना चाहता। उसके जायज-नाजायज इस्तेमाल और भाषा में दूसरी भाषाओं खासकर अंग्रेजी की मिलावट को लेकर भी कोई प्रतिरोध नजर नहीं आ रहा है। ठेठ हिंदी का ठाठ जैसे अंग्रेजी के आतंक के […]

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हम दानव नही मानव बनें

अथर्ववेद के आठवें काण्ड के सूक्त संख्या दो मंत्र संख्या 8 का एक मंत्र है-आरादरातिं निऋतिं परोग्राहिं क्रव्याद:पिशाचान। रक्षा यत्सर्वं दुर्भूतं तत्तम इवाप हन्मसि।।जिन व्यक्तियों में दान न देने की वृत्ति होती है, जो अदानी होते हेँ वह दानव हैं, क्योंकि दान न देने की वृत्ति भोगप्रवण बनाती है, यही भोगप्रवणता मृत्यु की ओर ले […]

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मानव जीवन में यज्ञों का विशेष महत्व

चारों वेदों में यज्ञों का महत्व दर्शाया गया है। यज्ञ भी अनेक प्रकार के होते हैं। जैसे अश्वमेध यज्ञ, वृष्टिïयज्ञ आदि सब यज्ञ अग्निहोत्र के द्वारा ही सम्भव होते हैं।महर्षि मनु लिखते हैं-अग्नौ प्रस्ताहुति सम्यक आदित्यं उपतिष्ठति:।आदित्यात जायते वृष्टि: प्रजा:।।यज्ञ में अग्नि के अंदर डाली हुई घी-सामग्री की आहूतियां अग्नि के द्वारा सूक्ष्म होकर सूर्य […]

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प्रबंधन में है अपार संभावनाएं

मानव के अंदर अपार संभावनाएं छिपी हुई हैं। परंतु उचित प्रबंधन के अभाव में उनकी योग्यताओं का सही दोहन नही हो पाता है। परिणाम स्वरूप एक योग्य इंसान का अधिकतर समय बेकार के कामों में व्यतीत हो जाता है। इसी समस्या से निजात पाने के लिए मानव संसाधन को प्रबंधन के विषय में शामिल किया […]

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बच्चों का रखें ख्याल

हमारे समाज के अधिकांश लोग गांवों में ही रहते हैं। उनका रहन सहन खान पान आधार व्यवहार आदि प्रकृति के अधिक नजदीक है। किंतु अब पाश्चात्य सभ्यता संस्कृति के प्रभाव से हमारा समाज भी प्रभावित हो रहा है। जबकि, प्रवृत्ति, प्रकृति परिवेश और परिस्थितियां इससे मेल नही खाती हैं। इसलिए अच्छे स्वास्थ्य के लिए अपने […]

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जीवन में ‘उदय’ का अर्थ

सूर्योदय होते ही रात का अंधकार किसी अंधेरे कोने में जाकर छुप जाता है। दसों दिशाओं में क्षितिज अंत तक प्रकाश का साम्राज्य स्थापित हो जाता है। प्रकाश के साम्राज्य में सभी मानव, पक्षी जीव जंतु अपने परिवार व आश्रितों का पालन पोषण करने के लिए खाद्यान्न, उपयोग के लिए सामान व ज्ञान विज्ञान अर्जन […]

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