केजरीवाल के नाम 10 हजार करोड़ का एक और घोटाला

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार

राजनीति में न कोई किसी का मित्र और न ही कोई बैरी। सियासत के अखाड़े में उतरने से पूर्व आम आदमी पार्टी के संयोजक और पार्टी के अन्य कर्णधार जो कांग्रेस के इशारे पर अपनी रोजी-रोटी चला रहे थे। संसद में सत्तारूढ़ कांग्रेस भ्रष्टाचार से घिरी थी तो दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव ने कांग्रेस के विरुद्ध माहौल बना रहे थे। जिसमें वह सफल भी हुए। परन्तु उसके बाद निर्भय कांड होने पर कांग्रेस के इन्हीं लोगों द्वारा संचालित एनजीओस को सड़क पर उतार एक परीक्षण किया, जिसमें सफल होने के बाद अन्ना हज़ारे के माध्यम से पुनः परीक्षण किया गया, उसमें भी सफल होते देख, 2014 में मनोनीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लहर को रोकने के लिए आम आदमी पार्टी का गठन करवा मैदान में उतार दिया।

आम आदमी पार्टी के गठन होने पर एक पाक्षिक को सम्पादित करते लेख लिखा “कांग्रेस के गर्भ से निकली आप”, जिस पर धमकी मिलने पर आगामी अंक में मुख्य पृष्ठ आलेख शीर्षक “कांग्रेस और आप का DNA Positive” में विस्तार से लिखा।

अपने भाषणों में कांग्रेस को पानी पी-पीकर कोसने से जनता पूर्णरूप से भ्रमित हो गयी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के विरुद्ध 370 आरोप दिखाकर, उन्हें जेल भेजने की बात करते थे, परन्तु अफ़सोस शीला जी स्वर्ग सिधार गयी, लेकिन झूठे केजरीवाल उनके जीवनकाल में किसी भी आरोप में जेल भेजने में पूर्णरूप से असफल रहे। शीला के कार्यकाल में हुए निर्भय कांड पर शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र मांगने वाले अरविन्द केजरीवाल निर्भय के आरोपी को सम्मानित करते हैं। यह कौन-सी राजनीती है?

खैर, कांग्रेस के गर्भ से जन्मी आप ने ही कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा नुकसान पहुँचाया। दूसरी बात यह कि कल तक जो पार्टी कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती थी, आज उसी पर भाजपा से कहीं अधिक कांग्रेस पार्टी आरोप लगा रही है।

भ्रष्टाचार और घोटाला मिटाने के नाम पर राजनीति में आए दिल्ली के विवादास्पद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगातार घोटाले के आरोप लग रहे हैं। केजरीवाल सरकार में दिल्ली की जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बिजली कंपनियों को 10 हजार करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि केजरीवाल सरकार ने 200 यूनिट बिजली सब्सिडी देने के नाम पर में बड़े घोटाले को अंजाम दिया है जिसकी सीबीआई जांच करना जरूरी है।

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