क्या मोदी ने सचमुच देश का माहौल खराब कर दिया है

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मोदी ने सर्वनाश कर दिया देश के माहौल का ,,,,,,,,*
*यह बात तो 100% सही है।*

*नेहरू गांधी खानदान और उनके वामपंथी मित्रों ने 70 साल तक इतनी मेहनत करके इस देश के हिंदुओं का दिमाग ठीक किया था, लेकिन मोदी ने पिछले सात-आठ सालों में सारा गुड गोबर कर दिया।
करीब डेढ़ सौ साल पहले स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि*
*”गर्व से कहो हम हिंदू हैं”*
*लेकिन इस खानदान ने ऐसा ईकोसिस्टम बना दिया था कि लोग अपने को कुछ भी कह लेते थे लेकिन “हिंदू” कहने में शर्माते थे, अपने रीति-रिवाजों से ग्लानी होती थी, अपनी मातृभाषा में बोलने में शर्म आती थी, स्वाभिमान नाम की कोई चीज नहीं रही थी।*

*लेकिन एक मोदी ने आकर कबाड़ा कर दिया ।*

*अब हालत यह हो गई है कि प्रियंका गोस्वामी कॉमनवेल्थ में सिल्वर मेडल जीतकर स्टेडियम में ही अपने हाथ में बाल गोपाल कान्हा जी को लेकर विदेशी धरती पर ही गर्व से खड़ी हो जाती है। हमारे देश के रेसलर भगवान शिव पर सरेआम जलाभिषेक करते हुए दिखाई देते हैं। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की मीराबाई चानू मेडल जीतती है तो खुद को हनुमान भक्त बताती है, दिवाली पूजन की तस्वीरें पोस्ट करती है। हमने तो देश को यह समझाया था कि भारत कभी एक राष्ट्र रहा ही नहीं, फिर ये राजस्थान की मीराबाई मणिपुर में कैसे पाई जाने लगी,*
*कैसे देश को Explain करेंगे, हम बड़ी भारी समस्या में पड़ गए हैं*

*और तो और फाइव स्टार होटल में बैठकर नीरज चोपड़ा प्रश्न पूछने वाले पत्रकार को खुलेआम कह देता है*
*”ओ हेलो, तुझे हिंदी नहीं आती क्या? आती है तो हिंदी में बात कर”*

*सत्यानाश कर दिया 70 साल की मेहनत का, अपनी मातृभाषा पर गर्व करने लगे भारत के लोग। हद हो गई हम ऐसा भारत तो नहीं चाहते थे। अब सुना है एनसीईआरटी अपनी इतिहास की किताबें भी बदल रही है, और सच्चा इतिहास पढाएगी, जिसमें बताया जायेगा कि ये भारत को बार-बार लूटने वाले जेहादी सूवर बाबर -गौरी -गजनवी -सिकंदर -चंगेज -अकबर आदि महान नहीं थे। ये तो एक नम्बर के जाहिल, गंवार, चोर-लूटेरे, कायर, डरपोक, वहशी-दरिंदे थे।*
*हमारी 70 साल की सारी मेहनत पानी में मिल जाएगी।*

*और अब उपराष्ट्रपति भी मोदी ने ऐसा बना दिया जो राज्यपाल के पद पर होने के बावजूद भी बंगाल के पीड़ित हिंदुओं के लिए बीजेपी से भी ज्यादा ताकत लगाकर लड़ने के लिए बदनाम था।*

*और सबसे भयानक बात तो ये है कि इस मोदी ने राष्ट्रपति भी एक ऐसी महिला को बना दिया जिसे शिव मंदिर में झाड़ू लगाने में गर्व का अहसास होता है और जो खुलेआम यह बात कहती है कि, मैं अपने जीवन में जब अवसाद का शिकार हो गई थी, तो भगवान शिव और ब्रह्मकुमारी आश्रम के कारण ही अवसाद से बाहर आ पाई थी।*

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