वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने 29 मार्च को राज्य सभा में कहा:

“मैं इस सदन को याद दिला दूं कि आज के सत्यनिष्ठ करदाता उस (कच्चे तेल की) सब्सिडी का भुगतान कर रहे है जो उपभोक्ताओं को एक दशक से अधिक समय पहले तेल बांड (उधारी) के नाम पर दिया गया था और वे अगले पांच वर्षों तक भुगतान करना जारी रखेंगे क्योंकि बांड (उधारी) का पेमेंट 2026 तक जारी रहेगा।

इसलिए, दस साल पहले उठाए गए तेल बांड (उधारी) के माध्यम से तेल की कम कीमतों का वह बोझ अब भी हम पर है। इसलिए, मैं इसे रिकॉर्ड पर रखना चाहूंगी। 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की उधारी, जो यूपीए के तेल बांड के दौरान जुटाए गए थे जिसका भुगतान हम अभी भी कर रहे हैं।

इसलिए, अधिक कीमत पर तेल की उधारी का भुगतान करना एक ईमानदार तरीका है, न कि ऐसा तरीका जिससे आप इसे किसी और पर उधारी उठा लेते हैं और कोई अन्य सरकार इसके लिए भुगतान करती रहती है।”

लोग यह समझना नहीं चाहते कि राष्ट्रीय सुरक्षा, जान-माल की सुरक्षा की एक कॉस्ट होती है। सोनिया सरकार के समय में आतंकी हमलो एवं ट्रेन दुर्घटना मेंं प्रति वर्ष हजारों लोग मर जाते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हथियार एवं लड़ाकू विमान नहीं थे। एयर इंडिया को जानबूझकर कमजोर किया गया।

75-80 करोड़ महिलाए, बच्चियां, पुरुष खुले में शौच को जाते थे। 43 करोड़ लोगो के पास बैंक अकाउंट नहीं थे। 11 करोड़ लोगो पास गैस नहीं थी। 16 करोड़ घरो में नल से जल नहीं आता था। केवल 60 प्रतिशत घरो में बिजली कनेक्शन था। मालगांड़िया एवं यात्री ट्रेन एक ही लाइन पर चलती थी। बर्फ गिरने से लद्दाख सड़क मार्ग से कट जाता था। चुंगी पर ट्रक घंटो ईंधन फूंकते रहते थे। लगभग 31 प्रकार के अप्रत्यक्ष टैक्स हुआ करते थे।

रेल ट्रैक पर शौच एवं मूत्र गिरता था जिससे ट्रैक में लगे इस्पात एवं अन्य उपकरणों के समयवधि से पूर्व मरम्मत एवं नवीनीकरण करना पड़ता था। उस भिनभिनाते, गंधाते स्टेशन पर हम सभी लोग सस्ते पेट्रोल की ख़ुशी मनाते थे।

वन रैंक वन पेंशन नहीं मिलती थी।

सोनिया की निजी यात्रा के लिए प्रधानमंत्री की ऑफिसियल यात्रा करवाई जाती थी जिससे वह उनके प्लेन में चल सके। फाइल पर सोनिया की स्वीकृति के बाद प्रधानमंत्री साइन करते थे।

सोनिया सरकार ने उधारी पर तेल खरीदकर आने वाले पीढ़ियों पर उसका भार छोड़ दिया था।

साभर : अमित सिंघल जी की वाल से 🙏

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