पाकिस्तान में अब अच्छे दिन आनेवाले हैं

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मियां नवाज़ शरीफ ने आतंकवाद के खिलाफ कल जो अपना राष्ट्रीय संबोधन किया, वह अपने आप में अपूर्व है। उन्होंने मध्य—रात्रि में सारे रेडियो और टीवी चैनलों पर जो 20 सूत्री कार्यक्रम पेश किया और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने का जैसा ऐलान किया, आज तक पाकिस्तान के किसी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने नहीं किया। पेशावर में हुए बच्चों के हत्याकांड ने पाकिस्तान के अंत:करण को झकझोर दिया है। वह हत्याकांड प्रधानमंत्री लियाकत अली, बेनजीर भुट्टो और जनरल जिया—उल—हक की हत्याओं से भी ज्यादा संगीन असर छोड़ गया है।

मियां नवाज ने देश के अन्य नेताओं और गुप्तचर विभाग के अधिकारियों के साथ 10 घंटे तक विचार—विमर्श किया। उसके बाद उन्होंने कहा कि आज का पाकिस्तान वह नहीं है, जो आप अब तक देखते रहे हैं। ‘यह बदला हुआ पाकिस्तान है। अब दहशतगर्दी के दिन गिने—चुने ही हैं।’ उन्होंने अपने देश की जनता को बताया कि अगले दो साल के लिए उनकी सरकार सैनिक अदालतें स्थापित करेंगी। उनमें सेना के अफसर ही जजों का काम करेंगे। वे आतंकवादियों के मामलों को सामान्य अदालतों की तरह लंबे नहीं लटकाएंगे। अपने फैसले तुरत—फुरत करेंगे। वे आतंकवादियों के साथ किसी किस्म की रु—रियायत या रहम नहीं करेंगे।

मियां नवाज़ ने ये अदालतें दो साल के लिए ही क्यों कायम की हैं? इससे पता चलता है कि वे दो साल में ही आतंकवाद को खत्म कर देना चाहते हैं। उनकी यह मन्शा सिर्फ एक हवाई किला ही माना जाता, यदि वे सिर्फ फौजी कार्रवाई तक सीमित रहते। वे इससे आगे बढ़े हैं। उन्होंने आतंकवाद की जड़ों पर प्रहार करने की रणनीति बनाई है। उन्होंने कहा है कि आतंकवादियों को मिलनेवाले धन के सारे स्त्रोतों पर वे प्रतिबंध लगाएंगे। पाकिस्तान में सब जानते हैं कि आतंकवादी संगठन किन—किन तरकीबों से पैसा इकट्ठा करते हैं। आतंकवादी अपने संगठनों पर रोक लगने के बाद उनका नाम बदलकर काम करने लगते हैं। ऐसे सब संगठनों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इन संगठनों के पक्ष में लिखनेवाले और बोलनेवाले अखबारों और चैनलों को दंडित किया जाएगा। सोश्यल मीडिया पर भी यही नीति लागू होगी। आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जानेवाले फोन, ई—मेल, एसएमएस, व्हाट्सआप आदि पर भी रोक लगेगी। इन सब कार्यों के लिए जरुरी हुआ तो संविधान में भी संशोधन किया जाएगा।

मियां नवाज़ ने भारत की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बात कही है। उन्होंने कहा कि संदिग्ध अफगान शरणार्थियों के विरुद्ध कार्रवाई तो होगी ही लेकिन जो आतंकवादी पंजाब में सक्रिय हैं, उन्हें भी नहीं बख्शा जाएगा। इनमें से ज्यादातर वे ही हैं, जो भारत में आतंक फैलाते हैं। यदि पाकिस्तान की फौज सभी तरह के आतंकवाद के खिलाफ पूरी ईमानदारी से भिड़ जाए तो पाकिस्तान दो साल के बहुत पहले ही पाक—साफ हो जाएगा। पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा बढ़ेगी। जनता को बड़ी राहत मिलेगी। पाकिस्तान के अच्छे दिनों के शुरुआत हो जाएगी।

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