ओ३म् नाम प्रभु तेरा प्यारा।
ये ही नाम तेरा वेद उचारा।।
सृष्टि कत्र्ता तू ही जगत आधारा।
प्राणों से भी तू प्रीतम प्यारा ।। 1 ।।
दु:ख मिटा के सुख देने हारा।
सर्वव्यापक तेरा है विस्तारा ।। 2 ।।
सच्चा बंधु तू ही सखा हमारा।
पूजा योग्य तू ही पिता हमारा।। 3 ।।
जन्म मरण से तू रहे न्यारा।
पालक रक्षक तू ही सर्व आधारा ।। 4 ।।
शुद्घ स्वरूप तू ही मुक्ति दाता।
सारे विश्व का तू ही विधाता ।। 5।।
ज्ञान बढ़ा दो प्रीतम पाप हटा दो।
अपने भक्ति में अब मन लगा दो ।। 6 ।।
तेरा ध्यान धरें हम सारे।
बुद्घि दे दो ऐसी प्रभु प्यारे ।। 7 ।।

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