भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति जमशेदपुर झारखंड की बैठक संपन्न

जमशेदपुर । भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति की एक आवश्यक बैठक विष्टूपुर मे समिति के मुख्य संरक्षक श्री गिरधारी लाल देबूका की अध्यक्षता में संपन्न हुई ।

इस अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथि राष्ट्रीय संयोजक धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा कि आज आवश्यकता है कि इतिहास को सत्य और प्रामाणिक जानकारी के साथ लिखा जाए । यह इतिहास नए रूप में लिखने का काम जारी है । इस लेखन कार्य को अंतर्राष्ट्रीय लेखक एवं महान इतिहासकार साथ ही इस संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य कर रहे हैं । इस हेतु जन जागरण भी अत्यावश्यक है ।

संरक्षक राजेंद्र कुमार अग्रवाल ने कहा कि सत्य इतिहास को जनता को बताने के लिए भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति की अपना जन जागरण अभियान प्रारंभ कर चुकी है जिसके अंतर्गत देश के प्रत्येक प्रांत में मासिक बैठकों का आयोजन प्रारंभ हो चुका है ।

इस अवसर पर भारतीय इतिहास के दोबारा लिखे जाने के प्रति गंभीर रुचि रखने वाले अजितसिंह ने कहा कि अगर पाक्षिक बैठक कर जनता को इतिहास की जानकारी दिया जाए तो यह और भी श्रेयस्कर होगा ।

अध्यक्षता कर रहे संरक्षक श्री गिरधारी लाल देबूका ने कहा कि पूरे देश से इतिहास के द्वारा लिखे जाने के संबंध में समिति के पास अच्छे विचार आए हैं जिन्हें अब क्रियान्वित किए जाने का समय है। अब हम लोगों को शीघ्र ही जमशेदपुर के राष्ट्रवादियों की बैठक बुलाकर इस दिशा में अग्रिम कार्यवाही करनी चाहिए । इसमें भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति के सभी लोग आते हैं । आज सत्य और प्रामाणिक इतिहास की जानकारी से जनता को अवगत कराना नितांत आवश्यक है । उन्होंने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है । राष्ट्र की भलाई जिसमें हो वह कार्य ही करने की आवश्यकता है । समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्री धर्मचंद पोद्दार ने समिति की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी 26 अप्रैल ( रविवार ) को भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति के जमशेदपुर के सारे सदस्यों की एक बैठक होगी । इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि बैठक माह में एक बार होनी है या पाक्षिक बैठक का आयोजन किया जाए ।

श्री पोद्दार ने बताया कि इस मासिक या पाक्षिक बैठक के द्वारा लोगों को नया इतिहास किस प्रकार का लिखा जा रहा है वह समय-समय पर जानकारी दी जाएगी । मासिक या पाक्षिक बैठक में निर्णय लिया जा सकेगा उसके अनुसार भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति के अधिकाधिक सदस्यों को सभी बैठकों में अवश्य उपस्थित होने हेतु प्रेरित किया जाए ।

उन्होंने कहा कि समिति के सभी सदस्य यह प्रयास करें और अपने क्षेत्र के अधिकाधिक स्वतंत्रता हेतु अपना बलिदान करने वाले महान क्रांतिकारियों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देने का काम करें जिससे उसे भी नए इतिहास में शामिल किया जा सके । 26 अप्रैल 2020 रविवार को होने वाली बैठक में आगे की कार्यवाही पर भी विचार विमर्श किया जा सकेगा ।

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