अधिकारियों की गैर हाजिरी के चलते तहसील दादरी हुई लावारिस

दादरी। ( ब्यूरो चीफ ) तहसील दादरी में यूं तो एसडीएम ,एएसडीएम , तहसीलदार, तहसीलदार (न्यायिक )और दो नायब तहसीलदार तैनात हैं , परंतु तहसील दादरी का यह दुर्भाग्य ही है कि एक भी अधिकारी तहसील भवन पर उपलब्ध नहीं मिलता । यहां तक कि पटवारी और कानूनगो या रजिस्ट्रार कानूनगो तक भी तहसील भवन पर अनुपलब्ध रहते हैं । जिससे काश्तकार लोग अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर तो आते हैं परंतु किसी को भी सुना नहीं पाते । जिससे जन समस्याएं बढ़ती जा रही हैं , इस संबंध में बार एसोसिएशन दादरी के द्वारा कई बार अधिकारियों को अवगत भी कराया गया है कि तहसील स्तर पर कम से कम एक सक्षम अधिकारी अवश्य बैठना चाहिए । जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति को भी ठीक करने के लिए तात्कालिक आधार पर कोई आदेश यहां से प्राप्त किया जा सके। परंतु इन सब मांगों की उपेक्षा करते हुए अधिकारी सेक्टर 19 में जाकर बैठ जाते हैं ।

पूरे प्रदेश में केवल एक दादरी ही ऐसी तहसील है जिसे अधिकारियों ने लावारिस छोड़ दिया है। इससे दाखिल खारिज की पत्रावलियों में भी विलंब होता है। अधिकतर पत्रावलियों को साक्ष्य के अभाव में खानापूर्ति करने के दृष्टिकोण से खारिज कर दिया जाता है और यह दिखा दिया जाता है कि पत्रावली तय हो गई है। एक डेढ़ साल से लोग दाखिल खारिज की पत्रावलियों के लिए तहसील के चक्कर काटते देखे जा सकते हैं । कागजात दुरुस्ती , 145 सीआरपीसी या कुर्रे बनाने आदि की पत्रावलियों में एसके या कानूनगो या तहसीलदार के माध्यम से स्थलीय जांच आख्या को प्राप्त करने के लिए उन्हें आदेशित किया जाता है । वह सब भी अधिकारियों / कर्मचारियों की अनुपलब्धता के चलते ही यूँ ही पड़ी रह जाती हैं । जिससे न्यायिक प्रक्रिया भी बाधित होती है । अधिकारियों की गैर हाजरी के चलते और न्यायिक कार्यों में कोई रुचि न दिखाने के कारण कई बार किसान लोग आपस में ही वाद-विवाद झगड़े फसाद आदि करके समस्याओं का समाधान कर लेते हैं । यह अलग बात है कि इससे उनकी समस्याएं समाप्त न होकर और अधिक बढ़ जाती हैं।

अभी लगता नहीं कि तहसील दादरी के काश्तकारों और वादकारियों की इस समस्या का कोई समाधान हो पाएगा । पता नहीं इन लोगों के दुर्भाग्य का यह दौर अभी कब तक चलेगा ? कुछ भी हो , समय से काम न होने के कारण जहां काश्तकारों और वादकारियों में असंतोष है , वहीं अधिवक्ताओं के भीतर भी गुस्सा उबल रहा है । अधिकारियों पर कब इसकी गाज गिर जाए , कुछ नहीं कहा जा सकता।

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