ठाकुर विक्रम सिंह ने किया उत्तर प्रदेश आर्य वीर दल प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

नोएडा। आर्य प्रतिनिधि सभा गौतम बुध नगर व आर्य वीर दल गौतम बुध नगर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय उत्तर प्रदेश प्रांतीय आर्य वीर दल प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ वैदिक जगत के प्रसिद्ध आर्य नेता भामाशाह और राष्ट्र निर्माण पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष ठाकुर विक्रम सिंह जी के द्वारा ध्वजारोहण के माध्यम से किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे ठाकुर विक्रम सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि इतिहास हमें वर्तमान के साथ जोड़ता है । वर्तमान का अवलोकन हमें इतिहास में की गई भूलों के आलोक में करना चाहिए। इन दोनों के बीच समन्वय स्थापित करके हमें भारत की शस्त्र और शास्त्र की परंपरा का पालन करते हुए देश को आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति राष्ट्र का भविष्य होती है। इसलिए आवश्यक है कि वैदिक संस्कृति के चिंतन के माध्यम से ही युवा राष्ट्र निर्माण करें। उन्होंने कहा कि नेहरू और गांधी की निष्क्रियता और भारतीय संस्कृति के प्रति दुर्भावना के कारण देश में आर्य संस्कृति का पतन हुआ। नेहरू की मानसिकता के चलते देश का पश्चिमीकरण करने की प्रक्रिया आजादी के पहले दिन से आरंभ हो गई। उसी का परिणाम है कि आज देश की युवा पीढ़ी में कई प्रकार के विकार देखे जा रहे हैं।


कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे राष्ट्र निर्माण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आनंद कुमार ( पूर्व आईपीएस ) ने कहा कि नैतिक शिक्षा लागू कर वेदों को सरल रूप में बच्चों के बीच लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जो देश अपने युवाओं का निर्माण नहीं कर पाता वह नष्ट हो जाता है। भारत एक जीवंत राष्ट्र है, इसलिए इसे अपनी संस्कृति के साथ गहराई से जुड़ना ही पड़ेगा, जिसे हम अपनी युवा शक्ति के माध्यम से ही पूर्ण कर सकते हैं। डॉ आनंद कुमार ने कहा कि आज अनाचार प्रायोजित किया जा रहा है। मौलिक अधिकारों के नाम पर समलैंगिकता जैसे अश्लील विषय पर सरकार मौन है। आप आर्य वीरों को ही आचार प्रधान भारतीय संस्कृति को स्थापित करना है आप जो कुछ भी यहां से सीखकर जाएंगे अन्य युवकों को भी आप वैदिक मूल्यों से परिचित कराएंगे।
भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता डॉ राकेश कुमार आर्य ने इस अवसर पर कहा कि जवानी बहुत बहुमूल्य अवस्था है एक बार ही यह मिलती है। यदि यह चली जाती है तो जीवन में सुनहरा अवसर दुबारा नहीं आता। इस अवस्था का आप सभी आर्यवीर सदुपयोग करें । अपनी शारीरिक मानसिक सामाजिक सभी प्रकार की उन्नति करें। एक वृद्ध महिला के आख्यान से उन्होने यह समझाया। उन्होंने कहा कि आर्य समाज ने भारत के स्वाधीनता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया था जिसके पीछे महर्षि दयानंद जी की प्रेरणा काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित बड़ी संख्या में क्रांतिकारी स्वामी दयानंद जी महाराज के क्रांतिकारी विचारों और सत्यार्थ प्रकाश से प्रेरित थी।
प्रांतीय आर्य वीर दल के उपसंचालक जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के यशस्वी अध्यक्ष महेंद्र आर्य ने कहा कि संपन्न लोग ऐसे आयोजनों में दिल खोलकर उत्तम से उत्तम भोजन आवास आदि की व्यवस्था करें ।आप विद्यार्थी मनोयोग से शिक्षकों की बातों को सीखें और बाकी का कार्य संगठन करें ।हमें प्रत्येक जिले में ऐसे शिविर आयोजित करने चाहिए । उन्होंने कहा कि देश को ऋषियों की यज्ञ की संस्कृति के साथ जोड़ने की आवश्यकता है इसी से सारे संसार में शांति स्थापित करने में सहायता मिलेगी।
इस दौरान मंच पर एडवोकेट मुकेश आर्य, देव मुनि जी, बिजेंदर आर्य , कमल आर्य , दिनेश आर्य , आर्य सागर खारी, बलबीर आर्य , आचार्य करण सिंह , एडवोकेट राजकुमार आर्य, ओमवीर आर्य, रमेश आर्य आदि की जिला संगठन की ओर से उपस्थिति रही। ध्वजारोहण से जुड़ी गतिविधियों का संचालन प्रांतीय संचालक पंकज आर्य ने कराया।
आर्य सागर खारी ने आर्य वीर दल संगठन के इतिहास कार्यों को परिचय दिया। आर्य वीर दल की विशेषताओं पर प्रकाश डाला पश्चात में प्रांतीय संचचालक पंकज ने आर्य वीर दल के ध्वज उसके प्रतिको की बहुत सुंदर व्याख्या की। विचारों की श्रंखला में आमंत्रित अतिथि किसान नेता सुखबीर खलीफा ने कहा आप आर्बयवीर बहुत सौभाग्यशाली हैं जो इस शिविर में सहभागी हो रहे हैं राष्ट्र का निर्माण आर्य वीर दल के शिविरों के माध्यम से ही किया जा सकता है। मंच पर डॉ दिवाकर आचार्य, महाशय चरण सिंह, कृष्ण वीर आर्य ,आचार्य विक्रम देव शास्त्री, बाबूराम आर्य, मनविंदर आर्य , कुलदीप आर्य आदि गणमान्य आर्य जनों ने अतिथियों का भी सत्कार किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के अन्य जनपदों से आए हुए आर्यवीर दल के पदाधिकारी व्यायाम शिक्षक प्रशिक्षक उपस्थित रहे ।

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