क्रांतिकारी ही नहीं महान लेखक भी थे लाला जी*

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आर्य सागर खारी🖋️

1927 में ब्रिटेन तथा साम्राज्यवादी शक्तियों ने पराधीन भारत की छवि को बदनाम करने के लिए… कुख्यात अमेरिकी पत्रकार लेखक कैथरीन मेओ को भारत के विषय में दुष्प्रचार करने के लिए किताब लिखने के लिए प्रोत्साहित किया… यह महिला पत्रकार भारत में 6 महीने रही मात्र 6 महीने में भारत जैसे विविधता पूर्ण देश को समझने का इन्होंने दावा ठोक दिया।

अमेरिका पहुंचकर यह किताब लिखती हैं जिसका टाइटल होता है मदर इंडिया“… किताब लिखने का मकसद यह था कि विश्व स्तर पर भारत की आजादी के प्रयासों को शिथिल कर यह प्रचारित करना था अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘भारत में अंग्रेज भारतीय लोगों को गुलाम नहीं अपितु वहां एक बेहतर शासन दे रहे हैं’ | भारत जैसे दरिद्र अनपढ़ बीमारियों से युक्त देश में अंग्रेज लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठा रहे हैं… ऐसे में भारत को यदि आजाद किया जाता है तो यह भारत की बहुत बड़ी आबादी विशेषकर अछूत लोगों के साथ अन्याय होगा भारत में कोई राष्ट्रीय चेतना नहीं है ना ही भारत के लोगों की शासन राजनीति में उनकी कोई रुचि है | इस फर्जी पुस्तक में तमाम तरह के आक्षेप भारत ,भारतीयों पर लगाए गए वह स्वच्छता का ख्याल नहीं रखते…भारतीय बहुत गंदे होते हैं वगैरा वगैरा |

भारत को बदनाम करने के लिए लिखी गई पुस्तक का मुंहतोड़ जवाब महान क्रांतिकारी लेखक पत्रकार लाला लाजपत राय ने Unhappy India पुस्तक अंग्रेजी संस्करण के रूप में लिखा उसके हिंदी संस्करण का अनुवाद उसी वर्ष *दुखी भारत**के नाम से लिख कर प्रचारित किया | लाला जी ने लिखा भारत की दुर्दशा अंग्रेजों के कारण है अंग्रेजों की लूट की पोल उन्होंने खोली भारत के अंग्रेजों से आगमन के पूर्व सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक आंकड़े पेश किए..|

कैथरीन mayo की पुस्तक के हर चैप्टर का माकूल तथ्यों और आंकड़ों के साथ लालाजी ने जवाब दिया | अपनी पुस्तक दुखी भारत के भारतीयों की स्वच्छता विषयक अध्याय में लालाजी ने दिलचस्प किस्सा बताया उन्होंने बताया ब्रिटिश मूल का अमेरिकी उद्योगपति व कोलगेट टूथपेस्ट कंपनी का संस्थापक विलियम कोलगेट जब 1857 से पूर्व भारत में आया था अंग्रेजों के निर्देश पर भारत को टूथपेस्ट बेचने के लिए कारोबारी संभावना तलाशने के लिए वह पूरे भारत में घुमा वहां उसने देखा कि भारतीयों के दांत मोती की तरह सफेद व दंत रोगों से मुक्त थे | जब उसने कुछ ग्रामीण लोगों से पूछा कि आपकी दातों के स्वस्थ का क्या राज है कोई भी व्यक्ति दंत रोगों से पीड़ित नहीं है? तो उन्होंने बताया कि हम मंजन बनाने की विद्या में पारंगत है हर गांव मैं यहां 72 प्रकार के मंजन बनाए जाते हैं हम उन्हीं का इस्तेमाल करते हैं | William Colgate ने अमेरिका जाकर लोगों को भारतीयों के विषय में बताया वहां एक साधारण ग्रामीण भी हमारे डेंटल सर्जन से ज्यादा ज्ञान रखता है दांतो की देखरेख के संबंध में..| भारत जैसे देश में टूथपेस्ट बेचना सिवाय मूर्खता व समय , धन की हानि के कुछ नहीं होगा | स्वच्छता भारतीयों के धर्म का ही एक अंग है चाहे व्यक्तिगत या सामुदायिक मैंने भारत के गांवों में कहीं भी ठोस कचरा नहीं देखा… निजी व सार्वजनिक स्थल गंदगी से मुक्त है| उनकी स्मृतियों दर्शनों में स्वच्छता एक सीढ़ी मानी गई है… जिस पर चढ़कर परमात्मा को पाया जा सकता है |

पंजाब केसरी लाला लाजपत राय द्वारा लिखित दुखी भारत पुस्तक बहुत ही महत्वपूर्ण पुस्तक है जो बीसवीं सदी के भारत की सामाजिक आर्थिक व प्राचीन भारत की सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन करती है अंग्रेज लेखको साम्राज्यवादी पत्रकारों के मिथ्या प्रचार का मुंहतोड़ जवाब देती है | जो यह बताती है कि भारत सपेरों जादूगर मदारियों का देश नहीं था | भारत में जो कुछ भी श्रेष्ठ है वह भारतीयों के कारण सनातन वैदिक परंपराओं के कारण जो कुछ भी गलत व अशुभ है वह अंग्रेजों की देन है|

आर्य सागर खारी ✍✍✍

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