महर्षि दयानंद द्वारा कितने गुरुकुलों की स्थापना की गई ?

महर्षि दयानंद ने कितने आर्यसमाज की स्थापना की तथा कितने गुरुकुलों की स्थापना की यह सब इस लेख में उपस्थित है।

( महर्षि स्वामी दयानंद द्वारा आर्य समाज की स्थापनाएं कब और कहां कहां की गई )
दीवान बहादुर हरबिलास शारदा द्वारा रचित, विश्व गुरु स्वामी दयानंद का जीवन चरित्र एवं उनकी शिक्षाएं से यह सारी सामग्री ली गई है. यह पुस्तक हरविलास जी ने इंग्लिश में 1943 में लिखी थी इसका अब हिंदी अनुवाद भी उपलब्ध है. इसे मंगवाने के लिए 7015591564 पर Whatsapp करे. MRP 800 रूपए. 10% Less के बाद केवल 720 रूपए (डाक खर्च सहित)

(१) प्रथम आर्यसमाज राजकोट की स्थापना १६जनवरी १८७५ ईस्वी में महर्षि दयानंद ने की थी, किंतु यह आर्य समाज ६ महीने ही चल करके समाप्त हो गई थी. इसका कारण था कि बड़ौदा के महाराज गायकवाड मल्हार राव को अंग्रेजों ने एक अंग्रेज ऑफिसर को जहर देकर मारने के आरोप में गद्दी से उतार गिरफ्तार कर लिया था।
(२) आर्य समाज अहमदाबाद की स्थापना महर्षि दयानंद ने १८ मार्च १८७५ ईस्वी में की थी, किंतु यह आर्य समाज भी राजकोट आर्यसमाज की भांति ही कुछ दिनों में ही चल कर समाप्त हो गई।
(३) आर्यसमाज बम्बई की स्थापना महर्षि दयानंद ने १० अप्रैल १८७५ ईस्वी को काकड़वाड़ी में की थी। प्रथम दो आर्यसमाजो के बंद हो जाने के कारण इस आर्य समाज को ही प्रथम आर्यसमाज माना जाता है।
(४) आर्यसमाज लाहौर की स्थापना महर्षि दयानंद ने २४ जून १८७७ ईस्वी को की थी।
(५) आर्यसमाज अमृतसर की स्थापना महर्षि दयानंद ने १२ अगस्त १८७७ ईस्वी को की थी।
(६) आर्यसमाज मुलवाई बुंगा की स्थापना महर्षि दयानंद ने १८७७ ईस्वी में की थी।
(७) आर्यसमाज गुरदासपुर की स्थापना महर्षि दयानंद ने २४ अगस्त १८७७ ईसवी में की।
(८) आर्यसमाज रावलपिंडी की स्थापना महर्षि दयानंद ने १८७७ ईस्वी में की थी।
(९) आर्यसमाज झेलम की स्थापना महर्षि दयानंद ने १८७८ ईस्वी में की थी।
(१०) आर्यसमाज वजी़जराबाद की स्थापना महर्षि दयानंद ने १८७८ ईस्वी में की थी।
(११) आर्यसमाज गुजरांवाला की स्थापना महर्षि दयानंद ३ मार्च १८७८ ईस्वी में की थी।
(१२) आर्यसमाज मुल्तान की स्थापना महर्षि दयानंद ने ४ अप्रैल १८७८ ईस्वी में की थी।
(१३) आर्यसमाज रुड़की की स्थापना महर्षि दयानंद ने १८७८ ईस्वी में की थी।
(१४) आर्यसमाज मेरठ की स्थापना महर्षि दयानंद ने १८७८ ईस्वी में थी।
(१५) आर्यसमाज दानापुर बिहार की स्थापना महर्षि दयानंद ने अप्रैल १८७८ ईस्वी में की थी।
(१६) आर्यसमाज दिल्ली की स्थापना महर्षि दयानंद ने १ नवंबर १८७८ ईस्वी में की थी।
(१७) आर्यसमाज फर्रुखाबाद की स्थापना महर्षि दयानंद ने १२ जुलाई १८७९ ईस्वी में की थी।
(१८) आर्यसमाज मुरादाबाद की स्थापना महर्षि दयानंद ने २० जुलाई १८७९ ईस्वी में की थी।
(१९) आर्यसमाज शाहजहांपुर की स्थापना महर्षि दयानंद ने १८७९ ईस्वी में की थी।
(२०) आर्य समाज कानपुर की स्थापना महर्षि दयानंद ने १८७९ ईस्वी में की थी।
(२१) वैदिक यंत्रालय (जो अब दयानंद आश्रम अजमेर का भाग है) की स्थापना महर्षि दयानंद ने लक्ष्मी कुंड बनारस में १२ फरवरी १८८० ईस्वी में की थी।
(२२) आर्यसमाज बनारस की स्थापना महर्षि दयानंद ने १५ अप्रैल १८८० ईस्वी में की थी।
(२३) आर्यसमाज लखनऊ की स्थापना महर्षि दयानंद ने मई १८८० ईस्वी में की थी।
(२४) आर्यसमाज आगरा की स्थापना महर्षि दयानंद ने २० दिसंबर १८८० ईस्वी में की थी।
(२५) गौरक्षणी सभा आगरा की स्थापना महर्षि दयानंद ने १८८१ ईस्वी में की थी।
(२६) आर्यसमाज जयपुर की स्थापना महर्षि दयानंद ने मार्च १८८१ ईस्वी में की थी।
(२७) श्रीमती परोपकारिणी सभा की स्थापना महर्षि दयानंद ने १६ अगस्त १८८० ईस्वी में की थी।
(२८) आर्यसमाज अजमेर की स्थापना महर्षि दयानंद ने १३ फरवरी १८८१ ईस्वी में की थी।
(२९) आर्यसमाज जोधपुर की स्थापना महर्षि दयानंद ने १८८३ ईस्वी में की थी।
महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ने ६ गुरुकुलों की स्थापनाएं भी की थी।

(१) फर्रुखाबाद में गुरुकुल की स्थापना।
(२) मिर्जापुर में गुरुकुल की स्थापना।
(३) कासगंज में गुरुकुल की स्थापना।
(४) छलेसर में गुरुकुल की स्थापना।
(५) बनारस में गुरुकुल की स्थापना।
(६) लाहौर में गुरुकुल की स्थापना।

किंतु यह गुरुकुल अधिक समय तक चल ना सके इसका कारण था कि इन गुरुकुल में पढ़ने वाला विद्यार्थी, पौराणिक पंडित ही बनकर निकलता था। इसका कारण इन गुरुकुलों में पढ़ाने वाले शिक्षक थे, जो वैदिक शिक्षा ना देकर पुराणों की शिक्षा देते थे. इस कारण से महर्षि दयानंद ने इन गुरुकुलों को बंद कर दिया।

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