सियासत बचाने के लिए छटपटाते फारूक अब्दुल्ला बोले – हम देश के नहीं, बल्कि भाजपा के दुश्मन हैं

 

 

 

गुपकार गठबंधन के बाद आलोचनाओं को झेल रहे फारुख अब्दुल्ला अब अपने जाल में फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं । उन्होंने भारत के विरोध में जो भी कुछ बोला है अब उसकी क्षतिपूर्ति करने की तरकीब ए खोज रहे हैं । यही कारण है कि अब वह कह रहे हैं कि हम देश के नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के दुश्मन है, जो हमें हिंदू मुस्लिम सिख और ईसाई में बांट कर देखती है । उन्होंने यह भी कहा कि हमें गांधी के भारत में विश्वास है ,जहां सब बराबर होते हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लरेशन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को भाजपा पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”हम देश के नहीं बल्कि भाजपा के दुश्मन हैं। वो लोगों को हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई में बांटना चाहते हैं। हमें महात्मा गांधी के भारत में विश्वास है। जहां सब बराबर हैं।”
डॉक्टर अब्दुल्लाह को इस बात पर भी भारी मलाल है कि लोग उन्हें गैंग कह कर बुलाते हैं।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम लोग मिलकर एक चिन्ह पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन हमें एक चिन्ह नहीं मिल रहा है। इसलिए हम सभी अपने-अपने चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे। हमारी कोई गैंग नहीं हैं। हमने एलायंस (गठबंधन) किया है। जो हमें गैंग कहकर बुलाते हैं, वो सबसे बड़े डकैत हैं। इसलिए उन्हें हर कोई गैंग में ही दिखता है।
इससे पहले, दोपहर में फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर की मुलाकात हुई। इसके बाद अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस अभी भी गुपकार एलायंस का हिस्सा है। जिला विकास परिषद चुनाव भी हम साथ लड़ेंगे। अब्दुल्ला का यह बयान कांग्रेस के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें पार्टी ने जिला विकास काउंसिल चुनाव में अलग से उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है।
जम्मू-कश्मीर में 28 नवंबर से जिला विकास परिषद चुनाव होने हैं। इसमें पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन भी अपने उम्मीदवार उतारेगी। पिछले दिनों एलायंस के सज्जाद लोन ने कहा, ”5 अगस्त 2019 के फैसले को लेकर जम्मू कश्मीर की आवाम नाराज है। लोग गुस्से में हैं। इसलिए भाजपा और केंद्र की सरकार से जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।”
भाजपा ने गुपकार एलायंस को कहा था ‘गप्पा-कार’
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने पिछले दिनों गुपकार समझौते को ‘गप्पा-कार’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि गुपकार ‘गप्पा-कार’ है। उनके मुंगेरी लाल के सपने कभी सच नहीं होने वाले हैं। अब्दुल्ला एंड संस और मुफ्ती एंड संस ने जम्मू-कश्मीर के संसाधनों को लूटा है।
वास्तव में देखा जाए तो जम्मू कश्मीर के तीनों पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाह उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जिस रास्ते पर चल रहे हैं वह देश विरोधी रास्ता है। अब उन्हें अपनी सियासत बचाने के लिए कुछ तो करना ही है ।इसलिए उल्टे सीधे बयान देकर किसी तरह सुर्खियों में बने रहना ही अब फारूक अब्दुल्ला के लिए एक खास रास्ता रह गया है।

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