टीकम सिंह आर्य आदर्श विद्यालय भीकमपुर जैनी गुन्नौर का वार्षिकोत्सव संपन्न

गुन्नौर । यहां के भीकमपुर जैनी गांव में स्थित टीकम सिंह आर्य आदर्श विद्यालय का वार्षिकोत्सव विगत 30 जनवरी वसंत पंचमी के दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में गुन्नौर के विधायक राजू यादव उपस्थित रहे । उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्कार आधारित होनी चाहिए। जिससे हम एक आदर्श समाज का निर्माण कर सकते हैं। इसके लिए यह विद्यालय अपनी ओर से सार्थक प्रयास कर रहा है।

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए राष्ट्रीय प्रेस महासंघ के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि इतिहास में बसंत पंचमी के दिन पृथ्वीराज चौहान और चंद्रवरदाई दोनों ने मिलकर शहाबुद्दीन गौरी के भाई गयासुद्दीन गोरी का उसी के देश में वध करने के पश्चात आत्म बलिदान दिया था।

श्री आर्य ने वीर हकीकत राय के बलिदान दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि इस वीर बालक ने भी अपना बलिदान आज के दिन ही दिया था । उन्होंने कहा कि पंजाब की धरती पर जन्मे रामसिंह कूका ने भी अपने कूका आंदोलन को जब 1871 -72 में पंजाब की धरती पर फैलाया तो उनके 50 बलिदानियों को इसी दिन तोपों के सामने रखकर अंग्रेजों ने उड़ा दिया था।

डॉ आर्य ने कहा कि 1530 में 30 जनवरी के दिन ही रणथंभौर के किले में राणा उदयसिंह को गूजरी माता पन्नाधाय को सौंपने के पश्चात राणा संग्रामसिंह का देहांत हुआ था । यदि राणा संग्रामसिंह गूजरी माता पन्नाधाय को उदयसिंह को नहीं सौंपते तो निश्चित था कि उनके पश्चात महाराणा प्रताप नहीं होते और यदि महाराणा प्रताप नहीं होते तो हमारे पास इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय नहीं होता। श्री आर्य ने कहा कि मौलाना हसरत मोहानी के लंबे प्रयासों के पश्चात 1929 में कांग्रेस ने जब 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वाधीनता दिवस मनाने का पहली बार संकल्प लिया था तो यह भी एक संयोग ही था कि उस दिन भी बसंत पंचमी थी । उन्होंने कहा कि यदि भारत का वास्तविक गणतंत्र दिवस बसंत पंचमी को कहा जाए तो यह भी कोई अतिशयोक्ति न होगी।

इस अवसर पर भारत स्वाभिमान पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रभारी बिपिन बिहारी ने कहा कि टीकमसिंह आर्य आदर्श विद्यालय में महर्षि दयानंद के सपनों का भारत बनाने के लिए देशभक्ति और ईश्वर भक्ति का साथ-साथ बच्चों में जिस प्रकार संस्कार के रूप में बीजारोपण किया जा रहा है उससे निश्चय ही एक सुखद भारत की तस्वीर उभरकर सामने आ रही है । जिसके लिए विद्यालय के प्रबंधक श्री दयाशंकर आर्य उनके भ्राताश्री आचार्य जीवन सिंह सहित वसु परिवार और विद्यालय के प्रिंसिपल ज्योतिवसु आर्य व उनके सभी साथी अध्यापक अध्यापिकाएं बधाई के पात्र हैं।

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