हिंद के परिपूर्ण सिंधु

पूज्य, महात्मा ,संत अशोक।
हर्षित, प्रमुदित, कभी न शोक।।

1 एक लक्ष्य है, नेक ध्येय है।
सर्वोपरि, निज राष्ट्र श्रेय है।
चरैवेति बेरोक टोक।।
पूज्य महात्मा……

2 माँ विद्या से लेकर आशिष।
भारत माँ को किया समर्पित।
धन्य बना दीं दोनों कोख।।
पूज्य महात्मा……

3 संगठन दृढ, विश्व हिन्दु।
हिन्द के परिपूर्ण सिंधु।
वीरता के पुंज श्रोत।
पूज्य महात्मा……

4 रक्त का, हर बिंदु अर्पण।
राष्ट्र हित, हर क्षण समर्पण।
नवति नभ, भू, द्यु आलोक।।
पूज्य महात्मा……

5 स्वस्थ तन; दीर्घायु जीवन।
प्रार्थना, करते हैं परिजन।
विमल झुक, करते हैं धोक।।
पूज्य महात्मा……

-विमलेश बंसल ‘आर्या’
दूरभाष-8130586002

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