हर दृष्टि से महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है राम जन्मभूमि में दिया गया न्यायालय का फैसला : पोद्दार

वीर सावरकर फाउंडेशन के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और हिंदू महासभा के वरिष्ठ नेता श्री धर्मचंद पोद्दार ने कहा है कि श्री राम जन्मभूमि के वाद में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया फैसला हर दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है ।

श्री पोद्दार ने ‘ उगता भारत ‘ के साथ एक विशेष बातचीत में कहा कि भारत की न्यायपालिका पर हमें अटूट विश्वास था , है और रहेगा । उन्होंने कहा कि भारत की न्यायपालिका ने अपनी निष्पक्षता और न्यायप्रियता के चलते विश्व की श्रेष्ठतम न्यायपालिकाओं में अपना स्थान बनाया है।

श्री पोद्दार ने कहा कि ऐतिहासिक तर्कों , प्रमाणों और साक्ष्यों के आधार पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जिस प्रकार दूध का दूध और पानी का पानी करने का विवेकपूर्ण और न्यायसंगत निर्णय दिया है उसे इस समय बिना किसी नकारात्मक सोच व चिंतन के सभी पक्षों को स्वीकार कर लेना चाहिए ।

श्री पोद्दार ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग देश में नकारात्मक परिवेश बनाने के लिए जाने जाते रहे हैं , जिनका नकारात्मक चिंतन इस समय भी स्पष्ट होकर सामने आया है ।अच्छा होगा कि ऐसे लोगों को देश के लोग पूर्णतया नजरअंदाज करें । श्री पोद्दार ने कहा कि भारत शांति प्रिय देश है और विविध संस्कृतियों को समायोजित कर चलने में विश्वास रखता है । हमारे मतभेद कभी भी इतने मुखर ना तो हुए हैं और ना होंगे कि हम राष्ट्रीय अस्मिता से जुड़े प्रश्नों पर भी परस्पर गुत्थमगुत्था हो जाएं ।

उन्होंने कहा कि सावरकर जी समन्वयवादी सोच के नेता के रूप में जाने जाते रहे हैं । उन्होंने केवल उन लोगों का विरोध किया जो देश की एकता और अखंडता के शत्रु थे । यही सोच राष्ट्रहित में उचित भी है । उन्होंने कहा कि हम आज भी केवल उन लोगों के प्रति कठोरता बरतने के समर्थक हैं जो देश की एकता और अखंडता को किसी भी प्रकार से क्षति पहुंचाने का काम करते हैं या करते पाए जाते हैं । शांति प्रिय लोगों को देश के भीतर रहकर सभी मौलिक अधिकारों का प्रयोग करने की छूट संविधान ने दी है। जिसका सम्मान किया जाना चाहिए ।

श्री पोद्दार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाने पर अब वहां पर शीघ्र ही एक विशाल और भव्य राम मंदिर हम देख सकेंगे। जिससे देश के कोटि-कोटि लोगों की आस्था जुड़ी है।

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