केजरीवाल को लेकर भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करना अमेरिका का अनुचित दृष्टिकोण

यह बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के एकाउंट सीज के मामले में भारत के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है…

चुनावों के वक्त अमेरिका के बयान यह सोची समझी रणनीति है… मोदी के कारण भारत की बढ़ती ताक़त को अमेरिका पचा नहीं पा रहा है… उनके विशेषज्ञों के अनुसार तो कोविड में ही भारत का बंटाधार हो जाना था पर मोदी जी ने उनके सारे प्लान फैल कर दिए!

मोदी जी की तीसरी पारी (जो सबसे बड़ी जीत होगी) भारत का तीसरी आर्थिक शक्ति ही नहीं… विश्व में भारत का दबदबा होने लग जाएगा।

किसी भी देश को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की संप्रभुता में दखल देने का अधिकार नहीं है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की अरविंद केजरीवाल पर निष्पक्ष ट्रायल की सलाह पर कड़ी आपत्ति की हैं।

एक राष्ट्रवादी भारतीय होने के नाते मुझे अमेरिका द्वारा भारतीय कानुनी प्रक्रिया पर प्रश्न चिन्ह लगाने पर कड़ी आपत्ति है, और मेरा मानना है कि दो लोकतांत्रिक देशों को एक दूसरे की संप्रभुता और आंतरिक मामलों की निजता का सन्मान करना चाहिए। विशेष रूप से अमेरिका का, जिसका न्यायिक सिस्टम कोई खास अचछा नही हैं। और उसे भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई हक नहीं है।

अमेरिका विदेश मंत्रालय का बयान बहुत ही निराशाजनक है और यह दोनो देशों के बीच आपसी रिश्तों को प्रभावित कर सकता है, जिनके अभी बहुत अच्छे कूटनीतिक संबंध है।

यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ, जब अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने अरविंद केजरीवाल के निष्पक्ष कानूनी ट्रायल की वकालत की थी।

वामपंथी अमेरिकी खरबपति जार्ज सोरोस मोदी को हराने के लिए २४ के चुनावों में विपक्षियों को फ़ंडिंग कर रहा है। क्योंकि अमेरिकी विशेषज्ञों ने बता दिया है कि २४ मे बीजेपी को टक्कर नहीं मिलेगी तो मोदी-३ के बाद विपक्ष की सता वापसी निकट भविष्य में लगभग असंभव हो जाएगा…

इंदिरा गांधी ने आपातकाल में वामपंथी लॉबी के दबाव में बिना संसद की मंज़ूरी के संविधान में संशोधन करके सेक्युलर शब्द जोड़कर हिन्दुओं से जो धोखा किया था। कांग्रेस समझ गई कि २४ मे बड़े बहुमत की जीत से मोदी सरकार ३७० की तरह उसे भी हटा देगी!

इसलिए ही कांग्रेस का बार बार जनता को संविधान को बदलने का भय दिखा रही हैं। मोदी जी का इंडिया टुडे कॉनक्लेव मे इशारा कर चुके है… तीसरी पारी में ऐसे फ़ैसले लेंगे जिसका प्रभाव हज़ार साल तक रहेगा…

मेरा आकलन है कि संविधान में ऐसा संशोधन होगा जिसमें भारत का सर्वोच्च पद प्रधानमंत्री भारत में जन्मा कोई हिन्दू ही आसीन हो सकता है जो कि अनिवार्य शर्त होगी… संविधान के दायरे में लोकतांत्रिक हिन्दू राष्ट्र की संरचना!

जिसमें सभी धर्मों को आज़ादी होगी। गजवा ए हिंद के ख़तरे से हिन्दुओं को सुरक्षा।

जनता मे राहुल गांधी की स्वीकार्यता नहीं होने से अब केजरीवाल को आगे बढ़ाने के लिए मीडिया में ज़बरदस्त फ़ंडिंग हो रही हैं… पर भूल गए कि मोदी शाह की जोड़ी चुनाव जीतने में माहिर है…

शराब घोटाले मे बड़बोला केजरीवाल नप गया है… भविष्य में इसका असर पूरी पार्टी पर पड़ेगा!

केजरीवाल की गिरफ़्तारी की बौखलाहट मे विदेशी फ़ंडिंग से पोषित मीडिया ही नहीं विपक्षी प्रवक्ता कुप्रचार पर उतर आए हैं… जनता उसका जवाब चुनावों में देगी!

जयहिंद… जय भारत… जय श्री राम 🇮🇳🇮🇳🇮🇳

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